अब मनचाही रफ्तार से नहीं दौड़ेंगे वाहन
कसी लगाम : परिवहन आयुक्त के आदेश के बाद कमर्सियल वाहनों में स्पीड गवर्नर जरूरी तगड़ी तैयारी -जिले में पांच डीलरों को मिल गया सर्टिफिकेट, एआरटीओ ने की सख्ती -भारी व्यावसायिक वाहनों की स्पीड लिमिट 60 किलोमीटर प्रति घंटा होगी
कमल वाष्र्णेय, हाथरस :
सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से परिवहन विभाग ने वाहनों की स्पीड लिमिट निर्धारित कर दी है। फिटनेस से पहले वाहन संचालकों को स्पीड गवर्नर लगाने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसा न करने पर फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं दी जाएगी। एक सप्ताह में अभी तक आठ वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाया गया है। सोमवार से इस प्रक्रिया में तेजी आ गई है।
नई व्यवस्था : 7 मई 2018 को परिवहन आयुक्त टी. गुरुप्रसाद ने स्पीड गवर्नर के संबंध में आदेश जारी किए थे। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा था कि वाहनों पर सख्ती से इस योजना को लागू कराना होगा। सभी तकनीकी पहलुओं को देखने के बाद हल्के व्यावसायिक वाहनों की स्पीड लिमिट 80 किलोमीटर प्रतिघंटा तथा भारी व्यावसायिक वाहनों की स्पीड लिमिट 60 किलोमीटर प्रतिघंटा निर्धारित की है। यानी कोई भी बस या ट्रक इस स्पीड से आगे नहीं दौड़ सकेंगे, फिर चाहे चालक कितना भी एक्सीलेटर दबाए। विभाग ने दुपहिया, तिपहिया वाहन, एंबुलेंस, फायर सर्विस व पुलिस की गाड़ियों को इस योजना से छूट दी है। एआरटीओ, हाथरस में एक सप्ताह से स्पीड गवर्नर लगाने की पहल की जा रही है। सोमवार से इसे लेकर सख्ती कर दी गई है। अब बिना स्पीड गवर्नर के किसी भी वाहन की फिटनेस जारी नहीं होगी।
स्पीड गवर्नर : स्पीड लिमिट डिवाइस को एमवी एक्ट की भाषा में स्पीड गवर्नर कहते हैं। बाजार में यह स्पीड लिमिट डिवाइस (एसएलडी) के नाम से जाना जाता है। परिवहन विभाग ने देश की 28 कंपनियों को मान्यता दी है, जिनके स्पीड लिमिट डिवाइस गाड़ियों में लगाए जा सकते हैं। इन कंपनियों के हर जिले में डीलर होंगे। इन डीलर्स को एआरटीओ कार्यालय सर्टिफिकेट देगा, तभी ये लोग स्पीड लिमिट डिवाइस लगा सकेंगे। पिछले एक सप्ताह में जिले में पांच डीलरों को सर्टिफाई किया जा चुका है। सख्ती के बाद डीलर्स की संख्या भी बढ़ने की संभावना है।
प्राइवेट वाहन : फिलहाल यह योजना केवल कॅमर्सियल वाहनों के लिए आई है। सूत्रों के अनुसार विभाग जल्द ही प्राइवेट वाहनों को भी इसके दायरे में ला सकता है, क्योंकि दुर्घटना हर तरह के वाहनों से होती है। कॅमर्सियल वाहनों पर प्रयोग के बाद इनका नंबर लिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार यदि प्राइवेट व्हीकल इस योजना में शामिल होते हैं तो इनकी लिमिट 100 किलोमीटर प्रतिघंटा निर्धारित की जा सकती है। इनका कहना है
स्पीड गवर्नर अब आवश्यक हो गया है। इसके लिए आदेश मिल चुके हैं। पिछले एक सप्ताह से इसे लेकर काम चल रहा है। सोमवार से इन आदेशों को लेकर सख्ती कर दी गई है। व्यावसायिक वाहन चालक सबसे अधिक यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ करते हैं। क्षमता से अधिक सवारियां ढोते हैं। यकीनन इस प्रयास सड़क हादसों में कमी आएगी।
-महेश कुमार शर्मा, एआरटीओ, प्रशासन, हाथरस