अब देशी सब्जियों में लगेगा विदेशी प्याज का तड़का
राहत की बात कई देशों से आयातित प्याज दिल्ली की मंडियों से जल्द पहुंचने की उम्मीद धंधे का फंडा विदेशी प्याज बाजार में पहुंचने से कीमतों पर लग सकता है लगाम दिल्ली-मुंबई समेत बड़े शहरों की मंडियों में आ चुका है विदेशी प्याज
संवाद सहयोगी, हाथरस : जल्द ही सब्जियों में विदेशी प्याज का तड़का लगने जा रहा है। प्याज की कमी पूरी करने के लिए सरकार ने 25 हजार मीट्रिक टन प्याज का आयात किया है। इसमें मिश्र, तुर्की, अफगानिस्तान से प्याज की आपूर्ति की जा रही है। इसके आने से प्याज की कीमतों में कमी आने की संभावना है। आढ़तियों की मानें तो एक-दो दिन में ही हाथरस में विदेशी प्याज बिकने लगेगा।
करीब दो माह से प्याज की किल्लत बनी हुई है। इसके चलते प्याज की कीमतें आसमान छूने लगी हैं। बाजार में फिलहाल 100 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत पर प्याज बिक रहा है। मंडी के आढ़तियों के मुताबिक कीमत पर अंकुश के लिए सरकार ने करीब 25 हजार मीट्रिक टन प्याज का आयात किया है। यह प्याज मिश्र, तुर्की, अफगानिस्तान से आ रहा है। इसमें सरकारी कंपनी एमएमटीसी ने तुर्की से 11 हजार टन प्याज का सौदा किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले महीने ही 1.2 लाख टन प्याज आयात करने की मंजूरी दी थी। तुर्की से प्याज की खेप अगले साल जनवरी में आने की संभावना है। मिश्र से 6900 टन प्याज आयात करने का सौदा हुआ है। इसकी मुंबई में लैंडिग की कीमत करीब 52 से 55 रुपये प्रति किलोग्राम पड़ेगी। यहां से पहली खेप में 1500 टन प्याज देश में आएगा। पहली खेप दो दिसंबर को मिश्र से चलकर 12 दिसंबर को ही मुंबई पहुंची होगी। अफगानी प्याज आ चुका है। दिल्ली में इसकी बिक्री शुरू भी हो गई है। शीघ्र ही इस प्याज के जनपद में आने की संभावना है।
देशी का मुकाबला नहीं :
विदेशी प्याज देशी प्याज की जगह कभी नहीं ले सकता। विदेशी प्याज स्वाद के साथ औषधीय गुणों में भी बहुत पीछे है। इसका रंग हल्का लाल व कुछ प्रजातियों में हल्का काला व लाल होता है। प्याज के गुण जलवायु व मिट्टी पर निर्भर करते हैं।
नए साल में गिरेगी कीमत :
विदेशी प्याज जनवरी तक पूरे देश में पहुंच जाएगा। देशी प्याज की नई फसल भी जनवरी तक आने की संभावना हैं। तब प्याज की कीमतें जमीन पर आ जाएंगी। प्याज के उत्पादक राज्य राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र में बारिश के चलते प्याज की फसल नष्ट होने से किल्लत बढ़ी है। इनका कहना है
कीमतें बढ़ने से इसकी खपत कम हो गई है। पहले जहां दो किलो खरीदते थे वहीं अब ढाई सौ ग्राम से काम चला रहे हैं। विदेशी प्याज से तो हमारे देश की प्याज ही अच्छा है।
-विनीत ग्राहक प्याज के बिना सब्जियां बेस्वाद लगती हैं। प्याज घरों की सबसे बड़ी आवश्यकता है। इसके बिना रसोई अधूरी रहती है। इसलिए सरकार को प्याज की कीमतें कम रखनी चाहिए।
-सोनू ग्राहक प्याज की किल्लत को दूर करने के लिए सरकार ने करीब 25 हजार मीट्रिक टन प्याज का आयात किया है। यह शीघ्र ही जनपद की मंडियों में पहुंच जाएगा। तब कीमतों में कमी आएगी।
-यशपाल सिंह, मंडी सचिव हाथरस