अब देशी घी बनाएगा सेहतमंद
शिशुओं गर्भवती धात्री और किशोरियों की सेहत को लेकर मंथन किया। माना जाता है कि दुग्ध पदार्थ देसी घी सेहतमंद बनाने में अब अहम भूमिका निभाता है इसी के मद्देनजर बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग ने पोषाहार में बदलाव किया है।
संवाद सहयोगी, हाथरस : शिशुओं, गर्भवती, धात्री और किशोरियों की सेहत को लेकर मंथन किया। माना जाता है कि दुग्ध पदार्थ, देसी घी सेहतमंद बनाने में अब अहम भूमिका निभाता है, इसी के मद्देनजर बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग ने पोषाहार में बदलाव किया है।
पोषाहर के रूप में लाभार्थियों फोर्टीफाइड अनपूरक पोषाहार वीनिग फूड, मीठा व नमकीन दलिया, 3 लड्डू प्रीमिक्स के स्थान पर सूखा राशन गेहूं, दाल एवं चावल व दुग्ध पदार्थ जैसे देसी घी, स्किम्ड मिल्क पाउडर केंद्र से वितरित किया जाएगा।
विकासखंड स्तर पर इस प्रणाली के विकसित होने तक पोषाहार के रूप में ड्राई राशन दाल, चावल, गेहूं तथा दुग्ध पदार्थ देशी घी एवं मिल्क पाउडर आंगनबाड़ी केंद्र से वितरित किया जाएगा। गर्भवती, धात्री महिलाओं व 11 से 14 वर्ष की किशोरियों को प्रतिमाह 2 किलो गेहूं, 1 किलो चावल, 750 ग्राम दाल, एवं त्रैमासिक 450 ग्राम देसी घी, 750 ग्राम स्किम्ड मिल्क पाउडर पोषाहार के रूप में दिया जाएगा।
6 माह से 3 वर्ष के बच्चों को प्रतिमाह 1.5 किलो गेहूं, 1 किलो चावल, 450 ग्राम दाल एवं त्रैमासिक 450 ग्राम देसी घी, 400 ग्राम स्किम्ड मिल्क पाउडर दिया जाएगा। तीन वर्ष से छह वर्ष के बच्चों को प्रतिमाह 1.5 किलो गेहूं, 1 किलो चावल व त्रैमासिक 400 ग्राम स्किम्ड मिल्क पाउडर दिया जाएगा। अति कुपोषित बच्चों को प्रतिमाह 2.5 किलो गेहूं, 1.5 किलो चावल, 500 ग्राम दाल एवं त्रैमासिक 900 ग्राम देसी घी, 750 ग्राम स्किम्ड मिल्क पाउडर पोषाहार रूप में वितरित किया जाएगा।
पूर्व की तरह ही नवीन ड्राईराशन भी कलर कोडेड होगा। गर्भवती व धात्री के लिए पीला, 6 माह से 3 वर्ष के बच्चों के लिए आसमानी नीला, 3 वर्ष से 6 वर्ष के बच्चों के लिए हल्का हरा, किशोरियों के लिए गुलाबी व अति कुपोषित बच्चों के लिए लाल रंग की पैकेजिग में ड्राई राशन वितरित किया जाएगा। डीपीओ डीके सिंह ने बताया कि टेक होम राशन की निगरानी एवं गुणवत्ता जांच के लिए निगरानी समिति का गठन किया जाएगा। इस नई व्यवस्था को जल्द लागू कर दिया जाएगा।