स्टे के दौरान अविश्वास प्रस्ताव कोर्ट की अवमानना : ओमवती
जागरण संवाददाता, हाथरस : जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर घमासान बढ़ता जा रहा है। दो दिन पहले 1
जागरण संवाददाता, हाथरस : जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर घमासान बढ़ता जा रहा है। दो दिन पहले 16 सदस्यों की ओर से अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद सोमवार को जिला पंचायत अध्यक्ष ओमवती यादव जिलाधिकारी से मिलीं। उन्होंने कोर्ट के स्टे के दौरान अविश्वास प्रस्ताव लाने को अवैध बताते हुए इसे खारिज करने की मांग की। डीएम ने नियमानुसार कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
अपने खेमे के सदस्यों के साथ डीएम से मिलने पहुंचीं ओमवती यादव ने पत्र सौंपकर कहा कि विनोद उपाध्याय के खिलाफ अविश्वास पारित होने पर उन्हें नियमानुसार अध्यक्ष चुना गया। रामवीर के भाई विनोद उपाध्याय ने जनहित को दरकिनार कर विकास कार्याें के प्रस्तावों के खिलाफ उच्च न्यायालय में रिट दायर की थी। इसके बाद से हाईकोर्ट ने विकास कार्याें पर स्टे लगा दिया। यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। ऐसे में कथित अविश्वास प्रस्ताव पर निर्णय लेना न्यायालय की अवमानना की श्रेणी में आएगा।
उन्होंने यह भी तर्क दिया है कि वार्ड 12 की सदस्य कल्पना उपाध्याय का इस्तीफा भी विधिक प्रकिया के तहत स्वीकार किया गया था। यह मामला भी उच्च न्यायालय में लंबित है। इसके अलावा वार्ड 10 के सदस्य इंद्रजीत कुशवाह न्यायालय से सजायाफ्ता थे। उन्होंने मुकदमे को छिपाकर चुनाव जीता था। उनका मामला भी चुनाव आयोग में विचाराधीन है। ओमवती ने कहा कि उनके कार्यकाल में स्टे के कारण कोई विकासकार्य नहीं कराया गया। ऐसे में अनियमितता के आरोप निराधार हैं। उन्होंने डीएम से अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने की मांग की। उनके साथ एमएलसी जसवंत सिंह, रालोद नेता प्रताप चौधरी, पूर्व विधायक चौ. गेंदालाल आदि मौजूद थे।
इनका कहना है-
जिला पंचायत अध्यक्ष ने विकास कार्याें के संबंध में कोर्ट के स्टे की बात कही है। उनसे स्टे की कॉपी मांगी गई है। इसके साथ ही अन्य सदस्यों के मामलों की भी जांच कराई जाएगी। इसके बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
-प्रवीण कुमार लक्षकार, जिलाधिकारी हाथरस।
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