हरि आई हॉस्पिटल ट्रस्ट मामले में नहीं मिली राहत
हाथरस : हरि आई हॉस्पिटल ट्रस्ट प्रकरण में जिला न्यायाधीश द्वारा डीएम को ही रिसीवर बन
हाथरस : हरि आई हॉस्पिटल ट्रस्ट प्रकरण में जिला न्यायाधीश द्वारा डीएम को ही रिसीवर बनाए रखने के फैसले में प्रतिवादी की ओर से हाईकोर्ट में दायर की गई कोर्ट की अवमानना के मामले में राहत नहीं मिल सकी है। वहीं मेटर अंडर आर्टिकल 227 को भी निरस्त करते हुए हाईकोर्ट ने इस मामले की मूल अपील पर डबल बेंच में बहस के लिए 12 दिसंबर की तिथि नियत की है। इसमें प्रतिवादी मधुशंकर अग्रवाल को स्वयं उपस्थित होकर बहस में शामिल होने के लिए नामांकित किया है।
जिला न्यायाधीश ने 10 जून 2010 को जिलाधिकारी को हरि आई हास्पिटल ट्रस्ट का रिसीवर नियुक्त किया था। इस मामले में ट्रस्ट से जुड़े विनोद उपाध्याय ने हाईकोई में प्रथम अपील 383 दायर की, जिसमें उन्हें स्थगनादेश मिल गया। इसके बाद यह अपील अदम पैरवी में दो बार खारिज हो गई। इसके बाद अपील मूल नंबर पर आ गई, लेकिन स्थगनादेश पुनर्जीवित नहीं हो सका। इस मामले में जिला न्यायाधीश की अदालत में दायर प्रार्थना पत्र में जिलाधिकारी को रिसीवर पद से मुक्त करने की मांग की गई, जिसमें जिला न्यायाधीश ने मूल अपील बहाल होने के बाद स्थगनादेश प्रभाव में नहीं आने का तर्क दिया। इसके लिए विभिन्न न्यायालयों द्वारा पूर्व में दिए गए आदेशों का हवाला दिया गया। इस आदेश के बाद जिलाधिकारी अपने रिसीवर पद पर यथावत कार्य करते रहेंगे। इस मामले में वादी विनोद उपाध्याय ने अवमानना याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की, जिसमें जिला न्यायाधीश, जिला अधिकारी, मधुशंकर अग्रवाल व सौरभ अग्रवाल को पार्टी बनाया गया, लेकिन यहां उन्हें कोई राहत नहीं मिल सकी। कोर्ट ने कहा है कि अपनी प्रथम अपील में जाकर राहत लें। इसके बाद वादी ने मेटर अंडर आर्टिकल 227 में रिलीव मांगा। यहां भी उन्हें राहत नहीं मिल सकी। अब इस मामले में प्रथम अपील जो 12 दिसंबर को सुनी जाएगी, उसमें अपना पक्ष रखने को आदेशित किया गया है।