नो एंट्री का नहीं इंतजाम, बड़े वाहन लगा रहे शहर में जाम
पर्वाें पर खरीदारी के लिए लग रही ग्राहकों की भीड़ पूरे दिन चलती है बाजारों में लोडिग व अनलोडिग।
संवाद सहयोगी, हाथरस : शहर में त्योहारी भीड़ बढ़ने से जाम की समस्या विकराल हो गई है। ऐसे में बड़े वाहनों के प्रवेश से घंटों जाम से जूझना पड़ता है। शहर में नो एंट्री की व्यवस्था न होने से यह समस्या बनी हुई है।
इन दिनों त्योहारी सीजन चल रहा है। नवरात्र से ही इसकी तैयारियां शुरू हो जाती हैं। घरों में रंगाई, पुताई के साथ सजाने-संवारने का भी कार्य चल रहा है। इसके लिए बाजारों से सामान की खरीदारी भी हो रही है। सुबह से ही दुकानों पर ग्राहक पहुंचने शुरू हो जाते हैं। कपड़ा, बर्तन, सौंदर्य प्रसाधन, इलेक्ट्रोनिक्स व इलेक्ट्रिकल्स का सामान खूब बिक रहा है। शहर में आने वाले ग्राहकों को सबसे अधिक दिक्कत पल-पल लगने वाले जाम से हो रही है। कमला बाजार, घंटाघर सहित सभी बाजारों में जाम की समस्या है।
जाम लगा रहे बड़े वाहन
शहर में जाम लगने का मुख्य कारण बड़े वाहनों का प्रवेश भी है। सुबह से ही बाजारों में टेंपो, ई-रिक्शा, कार, लोडर, ट्रक बाजारों से गुजरने लगते हैं। वाहनों के इधर-उधर फंस जाने से राहगीरों के साथ दुकानदारों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
नो एंट्री की व्यवस्था नहीं
शहर में पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं होने से लोग वाहनों को बाजारों में ले जाकर उन्हें चौराहे, सड़क किनारे या दुकानों के सामने खड़े कर चले जाते हैं। माल, बड़े शापिग सेंटरों पर भी पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। नो एंट्री व्यवस्था न होने से बड़े वाहन बिना किसी रोक-टोक के बाजारों में प्रवेश कर जाते हैं।
पूरे दिन लोडिग-अनलोडिग
शहर के गुड़हाई, पसरट्टा, नजिहाई सहित कई बाजारों में पूरे बड़े वाहनों से लोडिग व अनलोडिग का कार्य चलता रहता है। इसके चलते आने वाले छोटे और दो पहिया वाहन इसमें फंस जाते हैं।
वर्जन --
पर्वो की तैयारी को लेकर बाजारों में ग्राहकों की अच्छी-खासी भीड़ लग रही है। बड़े वाहनों के चलते व दो पहिया वाहनों को इधर-उधर खड़ा करने से ही शहर में जाम लगता है।
- ललित कुमार गौड़, राहगीर पार्किंग की व्यवस्था न होने से ग्राहक अपने वाहन सीधे बाजार में लेकर आते हैं। इससे बाजारों में जाम लग जाता है। जाम से दुकानदारों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
- दिनेश सरदाना, दुकानदार शहर में जल्द ही पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए उपयुक्त जगह मिलते ही इसका प्रस्ताव बोर्ड की मीटिग में रखा जाएगा। पास होने व बजट मिलने पर काम शुरू होगा।
-अनिल कुमार, ईओ