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नर्सिग होम में नवजात की मौत, हंगामा

जागरण संवाददाता, हाथरस : शहर के नवल नगर स्थित बांके बिहारी हॉस्पीटल में गुरुवार को नवजात

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 12:46 AM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 12:46 AM (IST)
नर्सिग होम में नवजात की मौत, हंगामा
नर्सिग होम में नवजात की मौत, हंगामा

जागरण संवाददाता, हाथरस : शहर के नवल नगर स्थित बांके बिहारी हॉस्पीटल में गुरुवार को नवजात की मौत पर जमकर हंगामा हुआ। बच्चे के सिर पर चोट के निशान थे। चिकित्सकों से जब कोई संतुष्ट पूर्ण जवाब नहीं मिला तो परिजन कोतवाली हाथरस गेट पहुंचे और लिखित शिकायत की। पुलिस ने बच्चे का पोस्टमार्टम कराया है। घटना से परिवार सदमे में है। साथ आए लोग भी आक्रोशित नजर आए।

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कोतवाली सदर क्षेत्र के गांव तरफरा निवासी अमल कुमार पुत्र रमेशचंद्र की शादी डेढ़ साल पहले ही हुई थी। बुधवार को अमल की पत्नी अनु को प्रसव पीड़ा हुई। उन्हें अलीगढ़ रोड, नवल नगर स्थित नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। देर रात 1:10 बजे अनु ने लड़के को जन्म दिया। परिजनों के अनुसार डिलीवरी सामान्य थी। नर्स ने बच्चे को दिखाया तो वह रो नहीं रहा था। इसके बाद सफाई की बात कहकर वे बच्चे को ले गए। आरोप है कि नर्स ने तड़के बच्चे को वापस किया और बताया कि वह मृत है। यह बात सुनकर परिजनों के होश उड़ गए। अस्पताल में ही चीख-पुकार मच गई। मौत की वजह पूछने पर स्टाफ कोई जवाब नहीं दे सका। स्टाफ ने कहा कि बच्चा मृत हालत में ही पैदा हुआ था। अमल कुमार का तर्क है कि डिलीवरी के समय ही उन्हें क्यों जानकारी नहीं दी गई? उनका कहना है कि बच्चे के सिर पर कई जगह चोट के निशान हैं। उन्होंने आशंका जताई कि औजारों से बच्चे को खींचा गया है, जिससे उसकी मौत हुई।

नर्सिंग होम पर हंगामे की सूचना पर हाथरस गेट पुलिस पहुंच गई। अमल ने नर्सिंग होम के चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए तहरीर दी। इस पर पुलिस ने बच्चे का पोस्टमार्टम कराया है। एसएचओ योगेश सिरोही का कहना है कि रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी। पेट में ही हो चुकी थी बच्चे की मौत

बांके बिहारी हॉस्पीटल की संचालिका डा. दयावती का कहना है कि बच्चे की मौत पेट में ही हो चुकी थी। उसे डाउन सिंड्रोम था। इसका मतलब है कि बच्चे का सिर खराब था। प्रसूता का इलाज दूसरे प्राइवेट नर्सिंग होम में चल रहा था। वहां की भी रिपोर्ट हैं। प्रसूता का मलेरिया व टायफाइड का भी इलाज चल रहा था तथा उसकी प्लेटलेट्स 30 हजार तक पहुंच गई थीं। डिलीवरी से पहले हुए टेस्ट में बच्चे की धड़कनें नहीं बोल रही थीं। इस बारे में परिजनों को बता दिया था। सभी रिपोर्ट दिखाई गई थीं तथा उस पर परिजनों के हस्ताक्षर भी हैं। ये लोग कई जगह पता कर आए थे, लेकिन जब जगह ऑपरेशन की सलाह दी गई थी। हमने डिलीवरी नॉर्मल की थी। बच्चा मृत ही निकला था। सुबह होने पर जानबूझ कर हंगामा किया गया तथा गलत आरोप लगाए गए हैं।


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