घरों में ही मुहर्रम का मातम, करबला में ताजिए दफन
मुहर्रम शुक्रवार को घरों में ही मनाया गया। घरों में सुबह ताजिए व अलम तैयार किए गए। दिन में मातम के बाद उन्हें शाम को सादगी के साथ करबला में दफन कर दिया गया।
संवाद सहयोगी, हाथरस : मुहर्रम शुक्रवार को घरों में ही मनाया गया। घरों में सुबह ताजिए व अलम तैयार किए गए। दिन में मातम के बाद उन्हें शाम को सादगी के साथ करबला में दफन कर दिया गया।
कोविड-19 की गाइडलाइन को देखते इस बार सामूहिक रूप से मुहर्रम के मातम व अन्य कार्यक्रम नहीं हुए। हाथरस के सीयल व अन्य मुस्लिम बस्तियों में शरबत का वितरण किया गया। मधुगढ़ी, श्रीनगर, इगलास अड्डा सहित अन्य बस्तियों में ताजिए सजाए गए। ताजियों को रिक्शा व अन्य वाहनों में रखकर शाम को करबला ले जाया गया। वहां इनको दफन कर दिया गया। इस पर्व को लेकर जगह-जगह पुलिस तैनात रही। मुहर्रम इंतजामिया कमेटी
ने सम्मानित किए सपा नेता
संसू, सादाबाद : सपा के •िाला महासचिव जैनुद्दीन चौधरी का स्वागत मुहर्रम इंत•ामिया कमेटी के पूर्व अध्यक्ष आमिर खान और पूर्व पदाधिकारीगणों ने किया। इसमें जफरुद्दीन राइन, आसिफ़ राइन, नवेज खान, शाहिद खान, भूरा क़ुरैशी, यामीन राईन, हम•ा भाई मौजूद थे। सासनी मुहर्रम की हुई रस्म अदायगी
सासनी में शुक्रवार को मुहर्रम की रस्म अदायगी की गई। मुस्लिम बस्तियों में लोगों ने घर पर रहकर ही ताजिया सजाए। इस दौरान पुलिस प्रशासन मुस्लिम बस्तियों में सुरक्षा व्यवस्था पर निगरानी रखे हुए था। इमाम हुसैन की याद में मातम
संसू, सिकंदराराऊ : नगर में शुक्रवार को मुहर्रम को कोविड-19 के कारण सादगी के साथ मनाया गया। हजरत इमाम हुसैन की शहादत और कर्बला का वाक़या याद करके मातम मनाया गया। मजलिस के साथ मातम हुआ और मर्सिया व नौहे पढ़े गए। कोरोना संकट के चलते इस बार भी मुहर्रम घरों में ही मना। सड़कों पर पहले जैसे भीड़ नजर नहीं आई।