हाथरस में छत पर कपड़े सुखाने गई महिला पर बंदरों का हमला, घायल
बंदरों का आतंक शहर में बढ़ता जा रहा है। शनिवार को बंदरों ने हमला बोलकर महिला को घायल कर दिया।
संवाद सहयोगी,हाथरस: बंदरों का आतंक शहर में बढ़ता जा रहा है। शनिवार को बंदरों ने हमला कर एक महिला को गंभीर रूप से घायल कर दिया। इस महिला को उपचार के लिए बागला जिला संयुक्त चिकित्सालय लाया गया। उत्पाती बंदरों से निजात दिलाने के नगर पालिका के दावे भी हवा-हवाई साबित हो रहे हैं।
शहर में बंदरों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। यहां पर हजारों की संख्या में बंदर लोगों के लिए मुसीबत बन गए हैं। शहर में ऐसा कोई इलाका नहीं है जहां बंदरों की पहुंच न हो। हमलावर हो रहे बंदर लोगों के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं। शनिवार को दोपहर 12 बजे के करीब थाना हाथरस गेट कोतवाली क्षेत्र के गांव नगला अलगर्जी निवासी 30 वर्षीय भूरी पत्नी दिनेश छत पर कपड़े सुखा रही थी। तभी उस पर वहां बैठे बंदरों ने अचानक हमला कर दिया। उसकी चीख-पुकार सुनकर वहां पहुंचे लोगों ने बंदरों को भगाया। इस घटना में गंभीर रूप से घायल को बागला चिकित्सालय लाया गया।
बंदरों के हमले से अब तक जान गवां चुके कई लोग
बंदरों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। अब तो यह बंदर हमलाकर लोगों को घायल कर रहे हैं। गांव नगला अलगर्जी में कुछ माह पूर्व छत पर बैठी एक वृद्ध महिला पर हमला कर दिया था। उपचार के लिए चिकित्सालय में उपचार के दौरान घटना के कुछ समय बाद ही दम तोड़ दिया था। मंडी समिति पास में होने से भी यहां बंदरों की संख्या बढ़ गई है। छतों व पेड़ों पर बंदरों का जमाबड़ा रहता है।
कागजों में सिमटकर रह गई बंदर पकड़ने की योजना
शहर में हजारों की संख्या में बंदर इधर-उधर घूमते रहते हैं। बाजारों के अलावा शहर की बस्तियों में इनकी संख्या सबसे अधिक रहती है। आए दिन मिल रही शिकायतों को लेकर नगर पालिका ने बंदरों को पकड़वाने के लिए प्रोजेक्ट शुरू भी किया। बंदरों को पकड़ने के लिए पिजड़े भी मंगाए गए। उसके बाद भी बंदरों को पकड़ने के लिए कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह योजना कागजों में सिमटकर रह गई।