रामलहर पर भारी पड़ी मोदी लहर
वर्ष 1991 में रामलहर से शुरू हुआ जीत का सिलसिला 2019 में भी कायम जलवा हाथरस संसदीय सीट पर 28 साल से भाजपा का कब्जा बरकरार -दो बार लगातार मोदी लहर में टूटे पुराने रिकॉर्ड लहराया परचम
नीरज सौंखिया, हाथरस :
हाथरस संसदीय सीट पर रामलहर से लेकर मोदी लहर तक भाजपा का दबदबा बरकरार है। 1991 में रामलहर से शुरू हुआ जीत का सिलसिला बदस्तूर कायम है। अंतर इतना है कि मोदी लहर ने जीत के अंतर में रामलहर को पीछे छोड़ दिया है। दोनों बार कई रिकॉर्ड बने हैं।
वर्ष 2014 के चुनाव में राजेश दिवाकर ने पांच लाख 44 हजार वोट हासिल कर रिकॉर्ड बनाया था। इसके साथ ही उन्होंने तीन लाख 26 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी। वहीं इस बार राजवीर दिलेर ने 6,84,299 वोट हासिल कर पिछले सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। तीन दलों के गठबंधन के बाद भी इस बार सपा प्रत्याशी को मत कम ही मिले, जबकि 2014 में रालोद, सपा व बसपा के अलग-अलग प्रत्याशियों को 4,84,891 मत मिले थे।
लोकसभा क्षेत्र हाथरस में 90 के दशक से भाजपा का दबदबा है। 1991 में रामलहर के बाद हाथरस संसदीय सीट पर भाजपा का कब्जा हुआा। तब लाल बहादुर रावल सांसद बने। उन्हें 1,83,387 मत मिले थे जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी रहे जनता दल के मूलचंद्र को 1,09,284 मत मिले थे। इसके बाद किशनलाल दिलेर 1996 में पहली बार सांसद बने, उन्हें यहां से 2,07,757 मत मिले जबकि दूसरे स्थान पर बसपा के रणवीर कश्यप 95,263 मत प्राप्त कर पाए थे। वर्ष 1998 में फिर से किशन लाल दिलेर को मैदान में उतारा गया तो उन्हें 2,61,809 मत मिले और वे विजयी हुए। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी बसपा प्रत्याशी गंगाप्रसाद पुष्कर 1,19,229 मत पा सके थे। वर्ष 1999 में तीसरी बार दिलेर को भाजपा ने लड़ाया तो उन्हें 1,78,353 मत मिले, जबकि बसपा प्रत्याशी गंगा प्रसाद पुष्कर 1,09,846 मत प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहे। इस सीट पर चौथी बार किशन लाल दिलेर वर्ष 2004 में चुनाव लड़े। तब उन्हें 1,75,049 वोट मिले। दूसरे स्थान पर बसपा प्रत्याशी रामवीर सिंह भैयाजी 1,52,212 मत प्राप्त कर पाए थे। दिलेर यहां से चार बार सांसद चुने गए। यहां के समीकरण हमेशा से भाजपा के पक्ष में रहे हैं। वर्ष 2009 में रालोद व भाजपा का गठबंधन था सो यहां से रालोद प्रत्याशी सारिका सिंह बघेल संसद पहुंची थीं। उन्हें 2,47,927 मत मिले थे। दूसरे स्थान पर रहे बसपा प्रत्याशी राजेंद्र कुमार को 2,11,074 मत मिले थे। वर्ष 2014 में मोदी लहर ने ऐसा जलवा बिखेरा कि राजेश दिवाकर ने तीन लाख 26 हजार से अधिक मतों से जीत हासिल कर रिकॉर्ड बनाया। उनके निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के मनोज सोनी दूसरे स्थान पर रहे थे। सोनी को 2,17,891 मत मिले थे। इस बार भाजपा प्रत्याशी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी गठबंधन प्रत्याशी रामजीलाल सुमन को 260208 मतों से शिकस्त दी है। इस बार भाजपा को यहां से 6,84,299 मत प्राप्त हुए हैं।
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