कुपोषित बच्चों को जल्द ही मिलेगा पका भोजन
-शासन ने की है आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए गेहूं व चावल की व्यवस्था -डीपीओ करेंगी उठान, जल्द शुरू होगी पके हुए भोजन की व्यवस्था
संवाद सहयोगी, हाथरस : आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से कुपोषित बच्चों की सेहत सुधारने के लिए अब उन्हें नियमित पका हुआ भोजन मिलेगा। इसके लिए शासन ने भारतीय खाद्य निगम के माध्यम से गेहूं, चावल का कोटा तय कर दिया है। इसका उठान डीपीओ द्वारा किया जाएगा। भोजन पकाने के लिए स्कूलों में एमडीएम की तर्ज पर गर्म भोजन की व्यवस्था की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बच्चों में कुपोषण की समस्या से निजात के लिए वर्ष 2006 में आंगनबाड़ी केंद्रों पर हॉट कुक्ड मील योजना शुरू की गई थी। इसके तहत तीन से छह वर्ष के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्म खाना तैयार करके देने की व्यवस्था की गई थी। वर्ष 2013 में केंद्र सरकार द्वारा लागू राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत इस योजना को उसमें शामिल किया गया था, लेकिन योजना का बजट सही समय से न मिल पाने के कारण यह योजना कागजी साबित होने पर तत्कालीन सपा सरकार ने इसे बंद कर हौसला पोषण योजना की शुरुआत की थी। अब योगी सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों पर पुन: गर्म भोजन देने की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं।
मध्याह्न भोजन योजना के तहत प्राइमरी विद्यालयों में भोजन पकाने के लिए बने रसोईघर, गैस बर्तन का उपयोग इस योजना के लिए किया जाएगा। इसके बदले बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग प्रति बच्चा पचास पैसे की दर से बेसिक शिक्षा विभाग को किराए का भुगतान करेगा। शासन ने खाद्यान्न का आवंटन करते हुए डीपीओ से उठान कर केंद्रों तक पहुंचाने के दिशा निर्देश दिए हैं। इंसेट-
हालात पर एक नजर
3 से 6 वर्ष के चयनित बच्चों की संख्या, 38891
कुल आवंटित गेहूं, 10 मीट्रिक टन
कुल आवंटित चावल, 22 मीट्रिक टन इनका कहना है.
भोजन तैयार करने की शेष सामग्री जैसे तेल, मसाला, सब्जी, लाई, चना आदि का भुगतान आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा किया जाएगा। इसके लिए प्रधान व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के संयुक्त हस्ताक्षर से खाता खुलवाने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। 10 अगस्त से योजना लांच कर दी है। अब खातों में धनराशि भेजकर इस योजना का मूर्त रूप दिया जाएगा।
-मुन्नी देवी दिवाकर, जिला कार्यक्रम अधिकारी