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Lunar eclipse 2022 : कार्तिक की पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण, हाथरस में 12 घंटे पहले बंद हो जाएंगे मंदिरों के कपाट

Lunar eclipse 2022 आठ नवंबर को चंदग्रहण पूरे भारत में दिखायी देगा। ग्रहण का समय शाम 518 मिनट से छह बजकर 19 मिनट पर रहेगा। सूतक लगने से चंद्रग्रहण के 12 घंटे पहले मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे। इसी दिन देव दीपावली का पर्व मनाया जाएगा।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Mon, 07 Nov 2022 02:03 PM (IST)Updated: Mon, 07 Nov 2022 02:13 PM (IST)
Lunar eclipse 2022 : कार्तिक की पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण, हाथरस में 12 घंटे पहले बंद हो जाएंगे मंदिरों के कपाट
पं. वीएन शर्मा ने बताया कि गंगा स्नान के दिन चंद्रग्रहण लगेगा।

हाथरस, जागरण संवाददाता। Lunar eclipse 2022 : कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि पर चंद्र ग्रहण लग रहा है। आठ नवंबर को चंद्र ग्रहण भारत में शाम 5:18 मिनट से छह बजकर 19 मिनट पर रहेगा। सूतक लगने से चंद्रग्रहण के 12 घंटे पहले मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे। इसीलिए स्नान ध्यान सुबह ही करना बेहतर रहेगा। इसीदिन देव दीपावली का पर्व मनाया जाएगा।

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15 दिनों में दो बार ग्रहण

इस बार 15 दिनों में दो बार ग्रहण पड़ रहा है। इससे करीब दो सप्ताह पहले दिन पहले सूर्य ग्रहण पड़ा था। अब चंद्रग्रहण का पड़ रहा है। यह चंद्रग्रहण कार्तिक की पूर्णिमा वाले दिन है। कार्तिक मास में 15 दिनों के अंदर दोनों ग्रहण एक साथ पड़ने की घटना वर्षोंं बाद देखने को मिल मिलेगी। हाथरस में चंद्रग्रहण का समय आठ नवंबर को शाम 05.53 बजे से शाम 06.19 बजे तक रहेगा। इसके लिए सूतक 12 घंटे पहले से ही सुबह 05.53 बजे से लग जाएंगे।

100 अश्व मेघ यज्ञ का लाभ दिलाता है कार्तिक पूर्णिमा का दान

कार्तिक पूर्णिमा का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। पं. वीएन शर्मा ने बताया कि गंगा स्नान के दिन चंद्रग्रहण लगेगा। चंद्र ग्रहण के बाद स्नान दान कर सकते हैं। इस दिन चंद्रमा राहु के साथ मौजूद होंगे और सूर्य केतु, शुक्र और बुध के साथ स्थित रहेंगे। इस दिन किया गया दान 100 अश्व मेघ यज्ञ के बराबर पुण्य दिलाता है।

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आज शाम को मनाया जाएगा देव दीपावली का पर्व

ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि मंगलवार को शाम 04.31 बजे तक पूर्णिमा रहेगी। अाठ नवंबर को सुबह 04.56 से सुबह 05.48 बजे तक रहेगा ब्रह्ममुहूर्त रहेगा। इसमें दौरान स्नान करना विशेष लाभ दिलाएगा। देव दीपावली का पर्व सात नवंबर की शाम मनाया जाएगा। इसका मुहूर्त शाम 5:15 से 7:49 तक रहेगा। इस दिन सूर्यास्त के बाद नदी- तालाब या कुंड में आटे के दीपक बनाकर उन्हें प्रज्जवलित किया जाएगा।


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