घाटे के चलते घटा नवीनीकरण
जिला उद्यान अधिकारी जारी करेंगे 100 शीतगृह संचालकों को नोटिस चेतावनी नवीनीकरण नहीं कराने पर पर लाइसेंस हो सकता है निरस्त शीतगृह संचालकों को 28 फरवरी तक करा लेना है नवीनीकरण
जासं, हाथरस : जनपद में शीतगृह संचालकों ने बिना नवीनीकरण के ही भंडारण की तैयारी शुरू कर दी है। इसके पीछे उनका तर्क है कि वह लगातार तीन साल से घाटे में चल रहे हैं इसलिए इस बार नवीकरण नहीं कराएंगे। नवीनीकरण न कराने वाले शीतगृह संचालकों की संख्या जनपद में 100 से अधिक है। वहीं जिला उद्यान अधिकारी ने ऐसे संचालकों के खिलाफ कार्रवाई का मन बना लिया है। यदि 28 फरवरी तक नवीनीकरण नहीं कराते हैं तो लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
जनपद में 155 शीतगृह हैं। जनपद में गत वर्ष आलू का रकबा 45 हजार हेक्टेयर था। इस बार 48,500 हेक्टेयर है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में शीतगृह संचालकों ने बिना नवीनीकरण के ही भंडारण की तिथि घोषित कर दी है। नौ फरवरी से कई शीतगृह में आलू भंडारण होना था लेकिन आलू की खोदाई पिछड़ने से अभी आलू कोल्ड स्टोरेज तक नहीं पहुंच पाया। बारिश व ओलावृष्टि के कारण खेतों में अभी नमी है। जब तक खेत सूखेंगे नहीं तब तक आलू की खोदाई नहीं हो सकेगी।
नवीनीकरण न कराने वाले शीतगृह संचालकों पर संकट आ सकता है। जनपद में अभी भी 100 से अधिक संचालकों ने अपने शीतगृह का नवीनीकरण नहीं कराया है।
कोल्ड स्टोरेज मालिक एसोसिएशन के अध्यक्ष रविकांत अग्रवाल ने बताया कि कोल्ड स्टोरेज संचालक लगातार तीन साल से घाटे में हैं। कोल्ड स्टोरेज संचालन में बिजली का खर्चा भी नहीं निकल रहा है। ऐसे में शीतगृह को चलाकर क्या करेंगे। यही वजह है कि अभी तक तमाम संचालकों ने कोल्ड स्टोरेज का नवीनीकरण नहीं कराया है। घाटे के चलते कई संचालक इस बार भंडारण के लिए भी मना कर रहे हैं। किसानों पर कोल्ड स्टोरेज का बहुत पैसा बकाया है, वह भी अभी तक नहीं मिला है। उत्तरदायी होंगे संचालक
जिला उद्यान अधिकारी गमपाल ¨सह के मुताबिक उनके संज्ञान में आया है कि कई संचालकों ने बिना नवीनीकरण के ही आलू का स्टोरेज शुरू कर दिया है। ऐसे संचालकों की सूची बनाई जा रही है। 28 फरवरी अंतिम तिथि दी है। यदि इस तिथि तक नवीनीकरण नहीं हुआ तो शीतगृह अधिनियम 1976 के तहत लाइसेंस निलंबित करने के साथ अन्य कार्रवाई होगी।