फिर से जच्चा बन गई नारि, तमाशो दूल्हा देख रह्यो..
क्रासर - काली पलटन हाथरस व खुर्जा के बीच हुआ मुकाबला - दोनों अखाड़ों ने सुबह तक किया लोगों का मनोरंजन
जासं, हाथरस: मेला श्री दाऊजी महाराज के पंडाल में रसियों का विशाल मुकाबला हुआ। इसमें दो अखाड़ों के कलाकारों के कड़े मुकाबले ने लोगों का खूब मनोरंजन किया। इसमें जनप्रतिनिधियों के अलावा जिलास्तरीय अधिकारी भी मौजूद थे।
कार्यक्रम का शुभारंभ विधायक सदर हरीशंकर माहौर, विधायक सिकंदराराऊ वीरेंद्र सिंह राणा, पालिका अध्यक्ष आशीष शर्मा व जिलाध्यक्ष भाजपा गौरव आर्य के अलावा अपर जिलाधिकारी डॉ. अशोक कुमार शुक्ला ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती के छवि चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर किया। संयोजक अशोक गोला की टीम ने कार्यक्रम में सहभागिता कर रहे सभी अखाड़ों के उस्ताद व खलीफाओं को पगड़ी बांधी व लिफाफे भेंट किए। इसके बाद काली पल्टन अखाड़ा हाथरस व जनक अखाड़ा खुर्जा के बीच मुकाबला शुरू हुआ। इसमें काली पल्टन ने पहल करते हुए चिरपरिचित अंदाज में रसियों से शमां बांधा।
इस तरह सुनाया, फिर से जच्चा बन गई नारि, तमाशो दूल्हा देख रह्यो। वहीं, कर्ण द्वारा कुंती से पूछा गया यह सवाल , क्या तुझे पता है ये माता, तेरा तेरों को मारेगा, कल युद्ध होय बतला मैया वहां कौन जीते कौन हारेगा। वहीं, भ्रूण हत्या पर गायी गई यह चीज(रचना) जिसमें बेटी मां से अपना दर्द कुछ इस तरह से बयां करती है, मेरी मैया क्यूं तू रुलाये, गर्भ में मेरी छोटी बहन है क्यूं तू गर्भ गिराये। खुर्जा के जनक अखाड़े की ओर से भी इन रचनाओं को सराहा गया। यह रचना कुछ इस तरह है- अगर गर्भ में बेटी को मारोगे, तो बेटी कहां से पाओगे। इसी अखाड़े के कलाकारों द्वारा पेश की गई रचना भी सराही गई, क्या कमी थी दाऊ भैया मैं, क्यूं नहीं बेटा जना रेवती मैया ने। काली पल्टन की ओर से संजय सक्सेना व सत्तो शास्त्री की टीम व खुर्जा की जनक अखाड़ा की ओर से अर्जुन की टीम ने भोर तक चले रसियों का खूब लुत्फ उठाया। आयोजकों की ओर से दोनों ही ग्रुपों के खलीफाओं को बुर्ज व बाल्टी ईनाम स्वरूप दी गईं।
इस मौके पर हरी शंकर उर्फ भूरा पहलवान, मोहन पंडित, कुलदीप सिंह, सत्यप्रकाश बॉबी आदि मौजूद थे।