नियम विरुद्ध खींच दी नलकूप की लाइन, रिपोर्ट
मनमानी गांव मिर्जापुर में बोरिग फेल होने पर दूसरी जगह हो रही थी लाइन शिफ्ट विभागीय अधिकारियों के अलावा ऊर्जामंत्री से की पिछले दिनों शिकायत
संवाद सहयोगी, हाथरस: विद्युत वितरण खंड द्वितीय के अंतर्गत आने वाले गांव मिर्जापुर में गलत तरीके से नलकूप की लाइन शिफ्टिग किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। गांव के ही एक व्यक्ति ने मामले की शिकायत विभागीय अधिकारियों के अलावा प्रदेश के ऊर्जामंत्री से की है। विभाग ने लाइन निर्माण के कार्य को रुकवा दिया है। इस मामले में जेई की ओर से रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है। लाइनमैनों से भी स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है।
गांव मिर्जापुर में एक ग्रामीण राधेलाल के खेत में पिछले कई साल पहले से निजी नलकूप लगा हुआ है। बताते है कि बोरिग फेल हो जाने पर ग्रामीण लाइन को शिफ्ट करा रहा था। बिना विभागीय अधिकारियों के सर्वे पास कराए किसी दूसरे चक में लाइन का निर्माण नहीं हो सकता है। गलत तरीके से कराए जा रहे कार्य की शिकायत गांव के ही विनोद कुमार ने विभागीय अधिकारियों के अलावा ऊर्जामंत्री से कर दी। शिकायतकर्ता ने लाइनमैन व अवर अभियंता पर मिलीभगत कर लाइन को शिफ्ट किए जाने के आरोप लगाए थे। उधर, एक्सईएन खान चंद्रा ने मामले में जांच पड़ताल करने के निर्देश एसडीओ केजी अग्रवाल को दिए। एसडीओ ने मौके पर जाकर तार व अन्य सामान को कब्जे में कर लिया। करीब डेढ़ सौ मीटर तार व अन्य सामान मौके से बरामद किया गया। अवर अभियंता अजय कुमार सब स्टेशन ऐहन ने ग्रामीण के अलावा एक प्राइवेट कर्मचारी के खिलाफ भी थाना हाथरस जंक्शन में रिपोर्ट दर्ज कराई है। सब स्टेशन से जुड़े लाइनमैनों से भी स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है। आखिर लाइन जब तैयार की जा रही थी तो उनको जानकारी क्यों नहीं हुई। आखिर कहा से पहुंचा सामान
बिना विभागीय अधिकारियों की अनुमति के लाइन बनवाने का सामान ओढ़पुरा स्थित स्टोर से नहीं मिल सकता है। आखिरकार 150 मीटर तार, इंसुलेटर, विद्युत पोल आदि बिना किसी की सहमति के ग्रामीण के पास कैसे पहुंच गए। अब इसकी पड़ताल एक्सईएन के स्तर से कराई जा रही है। ताकि यदि कोई विभागीय कर्मचारी भी इसमें शामिल हो तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई तय की जा सके।
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आसपास के नलकूपों की होगी पड़ताल
एक्सईएन खान चंद्रा की माने तो इस प्रकरण के बाद अब मिर्जापुर व उसके आसपास के गांवों में वर्षों पूर्व स्थापित कराए गए सभी निजी नलकूपों की जांच पड़ताल एसडीओ के माध्यम से कराई जाएगी ताकि यह पता चल सके, जिस चक पर निजी नलकूप कनेक्शन स्वीकृत हुआ था, वहीं चल रहा है या नहीं।