शीतलहर की मार से जनजीवन लाचार
बर्फीली हवाओं के आगे नहीं टिक सकी दोपहर की धूप अलाव का सहारा।
संवाद सहयोगी, हाथरस : कड़ाके की सर्दी के साथ गलन सितम ढा रही है। ठिठुरन बढ़ने से जनजीवन पर व्यापक असर पड़ा है। दोपहर में निकली धूप भी शीतलहर के आगे सर्दी से राहत नहीं दे सकी। स्कूलों में अवकाश होने से बच्चों को राहत रही।
सर्दी चरम पर है। सुबह के समय गलन के चलते हाथ कपड़ों से बाहर निकालना भी मुश्किल हो रहा है। बर्फीली हवाओं से ठिठुरन काफी बढ़ गई है। बारिश भले ही बंद है पर बादलों का डेरा बना हुआ है। शहर में सुबह हल्का कोहरा भी रहा। देहात क्षेत्रों में कोहरा अधिक था। इसके चलते सड़कों पर वाहन लाइट जलाकर चल रहे थे। शीतलहर के कारण ही कोहरा हल्का हो गया, पर धूप देर से निकली। सुबह के समय तापमान भी कम रहा। सर्दी से बचने के लिए लोग सिर से पांव तक खुद को गर्म कपड़ों से ढंककर ही बाहर निकले। सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में अवकाश रहने से बच्चों के साथ अभिभावकों ने भी राहत महसूस की। दोपहर में निकली धूप,
मगर नहीं मिली राहत
बादलों के छाए रहने से धूप दोपहर के समय निकली। शीतलहर के चलते धूप से भी खास राहत नहीं मिली। बाजारों में धूप निकलने से ग्राहकों की संख्या बढ़ गई। गर्म कपड़ों की खरीदारी करने के लिए बाजारों में भीड़ रही। अस्थाई रूप से लगे गर्म कपड़ों के हिमालयन बुद्धिस्ट व लुधियाना बाजार भी ग्राहकों की भीड़ से गुलजार रहे। प्रभावित हो रहा कामकाज
दिन में कोहरा भले ही कम हो गया है मगर शाम होते ही बढ़ जाता है। कोहरे के चलते खेतों में ओस की बूंदें टपकती रहती हैं। इससे वहां पर काम करना भी मुश्किल हो रहा है। गेहूं, मटर, सरसों के अलावा टमाटर व सब्जियों की फसलों में काम करने में किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है। अलाव बन रहे सहारा
सर्दी के साथ पड़ रही गलन से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं शीतलहर सुबह से ही चलने लगती है। इससे लोग परेशान हैं। सर्दी से बचने के लिए अलाव सहारा बने हुए हैं। शहर में घरों के अंदर लोग लकड़ी व कोयले का प्रयोग कर अलाव जला रहे हैं। देहात के सिकंदराराऊ, सादाबाद, सासनी, मुरसान, हसायन क्षेत्रों में अलाव सुबह व शाम के समय जलते दिख रहे हैं।