फर्जी आदेश के मामले में एलआइयू से मांगी मदद
नहीं चला पता, किसने किए डीएम के फर्जी हस्ताक्षर अभी तक जारी किए हैं सिर्फ ब्लॉक प्रमुखों को पत्र
जागरण संवाददाता, हाथरस : तीन नवंबर को डीएम के फर्जी हस्ताक्षर से जारी हुए आदेश के मामले में 13 दिन बाद भी प्रशासन खाली हाथ है। इस मामले की जांच सीडीओ एसके ¨सह कर रहे हैं। फर्जी हस्ताक्षर का पत्र डाक से भेजा गया था जिसके कारण प्रशासन अभी तक फर्जी हस्ताक्षर करने वाले आरोपितों तक नहीं पहुंच पाया है। सीडीओ ने एलआइयू से मदद मांगी है।
विकास भवन में चर्चाएं हैं कि यह बाबू या ठेकेदार की कारगुजारी है। मामला बाबुओं से जुड़ा होने के कारण अभी तक इस मामले में प्रशासन की कार्रवाई स्पष्ट नहीं हो पा रही है। तीन नवंबर को यह मामला सामने आया था। डाक से भेजे गए पत्र में डीएम के नाम से फर्जी पत्र जारी हुआ था। इस पत्र में 12 फर्मो को ब्लैक लिस्टेड करते हुए इन फर्मों से कार्य न कराने का आदेश जारी किया गया था। यह सब फर्म ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य करतीं हैं। डीएम रमाशंकर मौर्य ने जानकारी होते ही इस पत्र को फर्जी करार देते सीडीओ की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम गठित कर दी। सीडीओ ने जांच के लिए सभी ब्लॉक प्रमुख व क्षेत्र पंचायत सदस्यों को पत्र लिखते हुए पत्र की पड़ताल के निर्देश दिए हैं। वर्जन-
पूरे मामले में अभी कोई क्लू नहीं मिला है। एलआइयू से भी मदद मांगी है। मामला बेहद संवेदनशील है। जांच अभी जारी है। मामला स्पष्ट होने पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
-एसके ¨सह, सीडीओ हाथरस