देर से न्याय मिलना भी अन्याय की श्रेणी में
पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती का संदेश कर्म योग सेवा संघ का चतुर्थ स्थापना दिवस किया गया आयोजित
संसू, हाथरस : न्यायपालिका से पीड़ितों को देर से न्याय मिलना भी अन्याय की श्रेणी में आता है। सनातन व्यवस्था ने समाज को व्यवस्थित किया, न कि विभाजित, जबकि संविधान ने समाज को विभाजित किया है। मनु की व्यवस्था को गाली देने वाले तत्वों को समझना चाहिए कि उस व्यवस्था में अपना वर्ण परिवर्तित किया जा सकता था, लेकिन संविधान इस बात की व्यवस्था नहीं देता। आज समाज को व्यवस्थित करने की आवश्यकता है, भ्रष्टाचारियों को खदेड़ कर शुचिता का शासन स्थापित हो और सभी को न्याय मिले। यही कर्मयोग सेवा संघ का उद्देश्य है। ऐसे कर्मयोगी ही समाज को दिशा दे सकते हैं।
उक्त बातें काशी सुमेरु पीठ के पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कर्मयोग सेवा संघ द्वारा साईं आनन्द वल्लभ विद्यालय में आयोजित शस्त्र पूजन, हलधर सम्मान, सैनिक सम्मान और चतुर्थ स्थापना दिवस के अवसर पर कही।
पूर्व विधायक सुरेश प्रताप गांधी ने कहा कि कर्मयोग सेवा संघ आज क्षेत्र में सबसे सफल तरीके से भ्रष्टाचारियों से लड़ रहा है। विशिष्ट अतिथि रामजीलाल वाल्मीकि ने कहा कि सभी जातियों में प्रेम का संचार करने का काम कर्मयोग सेवा संघ कर रहा है। विशिष्ट अतिथि बादशाह सिंह लोधी ने कहा कि किसान और जवानों का सम्मान कर संगठन ने सिद्ध कर दिया है कि संगठन एक बड़ी विचारधारा को समेटे हुए है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष कैप्टन शेर सिंह यादव ने कहा कि संगठन के कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न समाज सहन नहीं करेगा। संचालन डॉ. प्रदीप गर्ग तथा अजय पालीवाल एडवोकेट ने किया। कार्यक्रम के दौरान हलधर किसान, पूर्व सैनिक व पत्रकारों का सम्मान किया गया। तारकेश्वर पचौरी, विनय पचौरी, उमेश शर्मा, कुलवीर यादव, रूपकिशोर शर्मा, वीरेंद्र सिंह चौहान, दिनेश यदुवंशी, महेश पुंढीर एड., अजय वर्मा, पवन शर्मा, अंकित ठाकुर, रमेश पुंढीर, योगेश पुंढीर, रामकुमार वाष्र्णेय, आरपी सिंह, सुभाष कुमार, चेतन शर्मा, आकाश पुंढीर, संदीप कुमार, मुनिपाल सिंह, मोहन सिंह, लवकुश पुंढीर आदि मौजूद थे।