कासगंज-मथुरा के बीच इसी माह विद्युत इंजन का ट्रायल
इरकॉन कंपनी व रेलवे अफसरों ने डाला डेरा सिग्नल अपग्रेडिग व सुरक्षा का कार्य अंतिम चरण में
जासं, हाथरस : पूर्व में की गई घोषणा के अनुरूप पूर्वोत्तर रेलवे कासगंज-मथुरा रेलवे लाइन पर मार्च में इलेक्ट्रिक इंजन से जुड़ी ट्रेन ट्रायल के लिए दौड़ाएगा। ट्रेन दौड़ाने को रेलवे के सिग्नल एवं टेलीकॉम व विद्युतीकरण करने वाली इरकॉन कंपनी के अफसरों ने हाथरस सिटी रेलवे स्टेशन पर डेरा जमा लिया।
मथुरा कैंट से कासगंज के दरियाबगंज रेलवे स्टेशन तक सिग्नल, ओएचई सुरक्षा व्यवस्था का कार्य अंतिम चरण में है। मार्च से ही विद्युत इंजन से जुड़ी ट्रेन का ट्रायल प्रस्तावित है।
मंगलवार को इरकॉन कंपनी के फील्ड अफसर आरपी मौर्या व पूर्वोत्तर रेलवे से सीनियर सेक्शन इंजीनियर सिग्नल धीरेंद्र सिंह ने आरआइ मॉडीफिकेशन के कार्य की प्रगति जानी। सुबह 11 से 12 बजे तक ब्लॉक लेकर विद्युत लाइन पर सुरक्षा संबंधित सभी कमियों को दुरुस्त किया गया। जिससे ट्रायल के समय कहीं कोई बाधा उत्पन्न न हो। इंजीनियर ने बताया कि सुरक्षा से जुड़ा यह कार्य मथुरा कैंट से कासगंज के दरियाबगंज रेलवे स्टेशन तक अंतिम चरण में है। इसी सप्ताह में सभी तकनीकी बिदुओं की जांच की जा रही है। उन्होंने हाथरस सिटी स्टेशन पर बने सिग्नल के लिए रिले रूम को भी देखा। कई आधुनिक उपकरणों से लैस रिले रूम में एक दर्जन रिले को नए सिस्टम के तहत बदला गया। ब्लॉक के कारण कासगंज मथुरा के बीच यात्री ट्रेनों के अलावा मालगाड़ियां भी प्रभावित रहीं।
ये होगी काम की लागत : कासगंज-कानपुर मथुरा रेल लाइन के विद्युतीकरण परियोजना की स्वीकृत लागत 401 करोड़ 39 लाख 69 हजार 522 रुपये है। इसमें 178 करोड़ 81 लाख 40 हजार 235 रुपये सितंबर-2018 तक खर्च हो चुके हैं। रेल विकास लिमिटेड द्वारा इरकॉन कंपनी के इंजीनियर इस लाइन पर विद्युतीकरण का कार्य कर रहे हैं। 2020 तक दो चरणों में यह कार्य पूरा होना है। पहले चरण में कानपुर के कल्यापुर रेलवे स्टेशन से मथुरा तक विद्युतीकरण का कार्य लगभग पूरा होने की ओर है। इसके बाद कासगंज से बरेली-पीलीभीत मैलानी लाइन पर विद्युतीकरण का कार्य होगा। मौजूदा स्थिति में ट्रेनें 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ रही हैं। विद्युतीकरण कार्य पूरा होने पर 110 की स्पीड से दौड़ेंगी। इस समय रोजाना के लिए सिर्फ पैसेंजर ट्रेनें ही इस रूट पर हैं। विद्युतीकरण के बाद यात्रियों को एक्सप्रेस व सुपरफास्ट ट्रेनें भी रोजाना मिलेंगी। मथुरा से कानपुर तक 308 किलोमीटर तक मौजूदा समय में आठ घंटे तक लगते हैं, लेकिन विद्युतीकरण के बाद यह सफर महज चार से पांच घंटे का हो जाएगा।
वर्जन
पूर्वोत्तर रेलवे मार्च में ही विद्युत इंजन से जुड़ी ट्रेन का ट्रायल इस रूट पर करेगा। रेलवे ट्रैक पर सुरक्षा संबंधी सभी कार्यों को निर्माणदायी कंपनी के इंजीनियर व रेलवे के इंजीनियरों द्वारा दुरुस्त किया जा रहा है, जिससे ट्रायल में बाधा उत्पन्न न हो।
-राजेंद्र सिंह, जनसंपर्क अधिकारी पूर्वोत्तर रेलवे