करुणा करिके करुणानिधि रोए
हाथरस : सिकंदराराऊ में श्रीनर्मदेश्वर महादेव मंदिर पेड़ वाले स्कूल में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के
हाथरस : सिकंदराराऊ में श्रीनर्मदेश्वर महादेव मंदिर पेड़ वाले स्कूल में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दौरान सुदामा चरित्र की कथा सुनाते हुए भागवताचार्य पं. सुभाष चन्द्र दीक्षित ने कहा, मित्र से कभी कपट नहीं करना चाहिए। सुदामा एक प्रतीक हैं। जीवन में यदि मित्रता करनी हो तो सुदामा व श्रीकृष्ण की तरह करें। श्री कृष्ण ने अपने जैसा वैभव सुदामा को प्रदान कर संदेश दिया कि तुम भी किसी गरीब की मदद कर अपने जैसा बनाओ। दूसरों को सुख देने से बड़ा कोई पुण्य नहीं है और दूसरे को कष्ट देने से बड़ा कोई पाप नहीं है।
पं. सुभाष चन्द्र दीक्षित ने कहा कि श्रीकृष्ण एवं सुदामा दोनों घनिष्ठ मित्र थे और वे गुरु संदीपन के यहा शिक्षा ग्रहण करने के लिए गए। एक दिन गुरुमाता ने सुदामा को कुछ चने दिये और कहा कि भूख लगे तो तुम दोनों आपस में बाटकर खा लेना। सुदामा को कपट हो गया और उन्होंने वह चने अकेले ही खा लिये। सुदामा को मित्र से कपट का श्राप लगा और सुदामा निर्धन हो गये। एक दिन जब सुदामा ने अपनी पत्नी सुशीला को श्रीकृष्ण से मित्रता के बारे में बताया तो सुशीला ने उन्हें श्रीकृष्ण के पास भेजा। सुदामा के मन में संकोच हो रहा था कि वह द्वारिकाधीश से कैसे मिलेंगे, लेकिन जब सुदामा द्वारिका पहुंचे और पहरेदारों ने द्वारिकाधीश को बताया कि कोई गरीब ब्राह्मण अपने को आपका मित्र बताता है और अपना नाम सुदामा बता रहा है तो द्वारिकाधीश नंगे पैरों अपने मित्र से मिलने के लिए दौड़ पडे़। इस दौरान श्रीकृष्ण एवं सुदामा की मोहक झाकी प्रस्तुत की गयी जिससे समूचा पण्डाल भावविभोर हो गया। सभी श्रद्धालुओं के नेत्रों से अश्रुधारा बह निकली। तत्पश्चात शुकदेव जी की विदाई का प्रसंग सुनाया। झाकियों ने सभी का मन मोह लिया। भागवत कथा के दौरान पहुंचे क्षेत्रीय विधायक वीरेन्द्र सिंह राणा ने भागवताचार्य का फूल माला एवं पटका पहना कर तथा तिलक कर उनसे आशीर्वाद लिया। आयोजकों ने विधायक को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। भाजपा के पूर्व नगराध्यक्ष नीरज वैश्य, राजू सूफी, कमलनयन वाष्र्णेय ने भागवताचार्य को पगड़ी, फूलमाला पहना कर जोरदार स्वागत किया।