Hathras News : कार्यकलाप व खेलकूद से दूर होगी इंटरनेट मीडिया की लत, बच्चों को किताबों के प्रति करें जागरूक
Hathras News इंटरनेट आज पूरी दुनिया की तस्वीर बदल दी है। इंटरनेट की खोज लोगों की भलाई के लिए की गयी थी लेकिन आज इसका उपयोग अपराध के लिए ज्यादा हो रहा है। बच्चों को इंटरनेट से दूर रखें और किताबों के प्रति जागरूक करें।
हाथरस, जागरण संवाददाता। Hathras News : सीमेक्स इंटरनेशनल स्कूल, सासनी की प्रधानाचार्य पारुल सारस्वत का कहना है कि इंटरनेट मीडिया कहें या सोशल मीडिया। सोशल का अर्थ है सामाजिक एवं मीडिया का अर्थ है माध्यम। यह मीडिया ऐसा माध्यम है जो हमें समाज के विभिन्न वर्गों से जोड़ता है। आज के समय में लोग घर बैठे दूसरों से जुड़ पा रहे हैं और आपस में जानकारी साझा कर रहे हैं। इसका माध्यम है इंटरनेट मीडिया। यह अब हमारे जीवन में पूरी तरह घुल-मिल गया है।
इंटरनेट ने बदल दी दुनिया की तस्वीर
अमेरिका में वर्ष 1979 में अर्पानेट की खोज हुई थी। इसके बाद पूरी दुनिया में इंटरनेट का उपयोग होने लगा। इस आविष्कार ने पुरी दुनिया की तस्वीर बदल दी। इंटरनेट की खोज लोगों की भलाई के लिए की गई थी। जिस तरह सिक्के के दो पहलू होते हैं। उसी तरह इसके भी दो पहलू बन गए। इंसान ने अपनी कुबुद्धि से इंटरनेट मीडिया का भी गलत प्रयोग करना सीख लिया।
इंटरनेट पर अपराध चरम पर
आज के समय में इंटरनेट मीडिया से हो रहे अपराध चरम पर हैं। बच्चों को इंटरनेट मीडिया की लत लग चुकी है। इंटरनेट ने बच्चों एवं बड़ों को भी अपने जाल में फंसा लिया है। कोरोनाकाल के दौरान आनलाइन शिक्षा के लिए इंटरनेट मीडिया से बच्चों की नजदीकियां बढ़ीं। कम उम्र में बच्चों के लिए मोबाइल फोन, लैपटाप का प्रयोग जरूरी होने पर ही करने देने से उन्हें इससे दूर रखा जा सकता है। इंटरनेट मीडिया ने मानवता व और मानव को तो ऊंचाइयों पर पहुंचाया है, मगर इंटरनेट की आभासी दुनिया ने बच्चों को भटकाया भी है।
बच्चों को किताबों के प्रति करें जागरूक
इंटरनेट मीडिया के बारे में सही जानकारी देने के लिए विद्यालयों में सेमिनार व अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए। आनलाइन शिक्षा प्रणाली के बारे में सही दिशा मिलने से बच्चों का विकास होगा मगर बिना मार्गदर्शन बच्चों को मोबाइल फोन और इंटरनेट उपलब्ध कराने के फायदे कम, नुकसान ज्यादा देखने को मिल रहा है। मैं अभिभावकों और शिक्षकों से अनुरोध करूंगी कि वर्तमान समय में जब आनलाइन शिक्षा प्रणाली का प्रचलन नहीं है तो सभी बच्चों को इंटरनेट मीडिया की बजाय किताबों के प्रति जागरूक करना चाहिए। रीडिंग हैबिट्स, एक्टिविटी बेस्ड प्रोग्राम और स्पोर्ट्स में भी विद्यार्थियों की रुचि जागृत कर इंटरनेट की लत पर आसानी से काबू पाया जा सकता है।
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