जिन गांवों में खारा पानी, वहां शादी से आनाकानी
- सादाबाद की आठ ग्राम पंचायतों के 92 गांवों में है समस्या ग्रामीण पलायन को मजबूर
संवाद सूत्र, हाथरस : जरा सोचिए, अगर शादी महज इस वजह से टूट जाए कि आपके गांव में खारे पानी की समस्या है, तो वहां के लोगों के दर्द को सहज ही समझा जा सकता है। सादाबाद की आठ ग्राम पंचायतों के 92 गांवों का यही कहानी है। परिवार से एक-दो लोग दूरदराज से पानी लाने की जिम्मेदारी संभालते हैं। जब कोई इन गांवों में अपनी बेटी का रिश्ता लेकर आता है तो मुंह फेरकर चला जाता है। गांव छोड़ने के आश्वासन पर लोग बेटियों की शादी के लिए तैयार होते हैं। हालात ये हैं कि अब लोग पलायन के लिए मजबूर हैं। तमाम लोग सादाबाद में बस गए हैं तो कुछ क्षेत्र ही छोड़कर चले गए। यह बड़ा मुद्दा पिछले चुनावों में भी गरमाया, पर किसी ने ध्यान न दिया।
एक नजर
सादाबाद क्षेत्र आगरा के निकट है। 1975 के बाद से खारे पानी की समस्या है। पानी की गुणवत्ता इतनी खराब है कि पशु भी इसमें मुंह नहीं डालते। ऐसे में लोगों को पीने का पानी तो दूर, घरेलू कामकाज के लिए भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। टीटीएसपी योजना
क्षेत्र में टीटीएसपी (टैंक टाइप स्टैंड पोस्ट) योजना भी फेल हो गई। 2010 में तत्कालीन विधायक डॉ. अनिल चौधरी ने टीटीएसपी योजना को मंजूरी दिलाकर घर-घर मीठा पानी पहुंचाने का प्रयास किया था। इस योजना के तहत क्षेत्र में 10 हजार लीटर की 400 टंकियां लगाई जानी थीं। पूरी तरह से गांवों में पानी की टंकियां न लग पाने के कारण योजना सफल नहीं हो सकी। पाइप लाइन भी आधी-अधूरी बिछी हुई है। प्रभावित ग्राम पंचायतें
मन्स्या, नौगांव, कुरसंडा, मिढ़ावली, छावा, गुरसौटी, जैतई, वेदई आदि ग्राम पंचायतों के 92 गांव समस्या से प्रभावित हैं। यहां स्थापित हैं टंकियां व नलकूप
कुरसंडा में दो, नगला ध्यान में एक, नौगांव में एक, वेदई में एक, नगला हीरालाल मिढ़ावली में एक टंकी बनी है। थलूगढ़ी व मन्स्या में एक-एक नलकूप लगाया गया है। इनका कहना है
गांव से तीन-चार किमी दूर से पीने के लिए पानी लाना पड़ता है। खारे पानी के कारण बीमारियां बढ़ रही हैं।
रूपेंद्र सिंह, कुरसंडा गांव में यदि मीठा पानी होगा, तो बड़ी समस्या हल हो जाएगी। बेटी ब्याहने के लिए लोग सोचने को मजबूर नहीं होंगे।
चंद्रप्रकाश, अनगदा तीन से चार किमी दूर से प्रतिदिन पानी लाने में समय बर्बाद होता है। समस्या का निदान होना चाहिए।
कल्पना, नगला काठ गांव में यदि साफ पानी होगा तो सुबह जो समय व्यर्थ होता है, वह समय हम अपनी पढ़ाई पर खर्च कर सकते हैं।
आरती, नगला काठ इनका कहना है
गांव में बंद पड़े ट्यूबवेल को चालू कराने के लिए प्रयास जारी हैं। जल निगम के अधिकारियों से भी पत्राचार के साथ व्यक्तिगत संपर्क किया जा चुका है।
- मधुबाला चौधरी, ग्राम प्रधान, कुरसंडा