इंसानियत व हक के लिए इमाम हुसैन ने दी कुर्बानी
संसू, हाथरस : सिकंदराराऊ में मुहर्रम की नौवीं तारीख पर गुरुवार की रात शाही इमामबाड़ा महल दरवाजे पर शह
संसू, हाथरस : सिकंदराराऊ में मुहर्रम की नौवीं तारीख पर गुरुवार की रात शाही इमामबाड़ा महल दरवाजे पर शहीदे आजम कान्फ्रेंस का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता अब्दुल वशीर कुरैशी ने की। उद्घाटन अतीक साबरी ने किया। संचालन पूर्व सभासद एवं कार्यक्रम संयोजक जाफर अली फारुखी ने किया।
कान्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए मौलाना मोहम्मद शकील बरकाती ने कहा कि मैदान ए करबला में हुसैन व उनके 72 साथियों ने हक का परचम बुलन्द करते हुए अपनी जान की कुर्बानी दी। करबला का यह पैगाम किसी एक समुदाय या तबके के लिए नहीं है, बल्कि पूरी मानवता के लिए है। मुहर्रम की दसवीं तारीख बेमिसाल है, जिसमें अल्लाहताला ने हजरत ए आदम को पैदा किया। इसी दिन जमीन आसमान चाद सूरज लोह व कलम पैदा किये। इमाम हुसैन का जीवन व कुर्बानी पूरी मानवता के लिए बेमिसाल है। उनके द्वारा दिखाए गये इंसानियत के मार्ग पर सभी को चलना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंदौर में एक कार्यक्रम में कहा था कि इंसान को बराबरी का पाठ उन्होंने हजरते इमाम हुसैन के जीवन से लिया। जलसे में नवेद अहमद खा, अखलाक भारती, शहजाद कुरैशी, असलम गौरी, हकीम तौसीफ मथुरा वाले, असरार अहमद, आबिद अंसारी, तारिक फारुखी, मोहम्मद सलीम भारती, नौसा मकदूरी, नबाब सदर खां शेरवानी, कल्लूभाई, फैजान भारती मौजूद थे।