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सवर्ण और पिछड़ों की हुंकार, अब तो जागो सरकार

संवाद सूत्र, हाथरस : सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एससी-एसटी एक्ट में किए गए संशोधन के विरोध

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Sep 2018 01:01 AM (IST)Updated: Fri, 07 Sep 2018 01:01 AM (IST)
सवर्ण और पिछड़ों की हुंकार, अब तो जागो सरकार
सवर्ण और पिछड़ों की हुंकार, अब तो जागो सरकार

संवाद सूत्र, हाथरस : सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एससी-एसटी एक्ट में किए गए संशोधन के विरोध में भारत बंद के आह्वान ने सिकंदराराऊ में सवर्णो के विभिन्न संगठनों और पिछड़ा वर्ग के लोगों को एक मंच पर ला दिया। नगर और कस्बों में धरना-प्रदर्शन के दौरान बाजार पूरी तरह बंद रहे। इस बंध के जरिये केन्द्र सरकार को साफ चेतावनी दी गई कि यदि संशोधित काले कानून को वापस नहीं लिया गया तो 2019 के चुनाव की नैया बीच मझधार डूबेगी।

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बंद के दौरान विरोध प्रदर्शन की सूचना मिलते ही सीओ आशीष प्रताप सिंह एवं तहसीलदार प्रवीन कुमार शर्मा, कोतवाली प्रभारी मनोज कुमार शर्मा एवं क्त्राइम निरीक्षक गजराज सिंह पुलिस पीएसी के साथ मौके पर पहुंचे। आदोलनकारियों ने उपजिलाधिकारी अंजुम बी को राष्ट्रपति के नाम सम्बोधित ज्ञापन सौंपा। आदोलन के दौरान कोई अनहोनी न हो इसके लिए पुलिस ने पुख्ता इंतजाम कर रखे थे। बंद शांतिपूर्ण रहा।

धरना प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए किसान नेता निशात चौहान ने कहा कि केन्द्र सरकार ने एससी-एसटी एक्ट में संशोधन करके सवर्ण व पिछड़ों के ऊपर कुठाराघात किया है। यह काला कानून है जो समाज में विघटन पैदा करने का काम करेगा। केन्द्र सरकार वोटों की राजनीति के चक्कर में समाज को बाटने का काम कर रही है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एक वर्ग के प्रेम में डूबी सरकार सवर्ण एवं पिछड़ों की अनदेखी कर रही है जो उसपर भारी पड़ेगी।

अखिल भारतीय युवा विप्र एकता मंच के अध्यक्ष मित्रेश चतुर्वेदी ने कहा कि संशोधन के नाम पर जो काला कानून सवर्ण एवं पिछड़ों पर थोपा गया है, यह सरासर अन्याय है। इस काले कानून का सवर्ण एवं पिछड़ों को सताने के लिए दुरुपयोग किए जाने की प्रबल संभावना है। इससे समाज में द्वेष एवं वैमनस्यता फैलेगी। किसी एक वर्ग को खुश करने के लिए अन्य समाजों के हितों की बलि नहीं चढ़ानी चाहिए। सरकार को इस पर विचार करना चाहिए। कवि अतुल चौहान ने कहा कि अब समय आ गया है कि जब सभी सवर्ण एवं पिछड़ों को जागरूक होकर इस काले कानून का विरोध करना चाहिए। अभी नहीं जागे तो आने वाली पीढ़ी हमें कभी माफ नहीं करेगी।

ग्राम प्रधान बबलू सिसौदिया ने कहा कि एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनदेखी करना न्याय प्रक्त्रिया के विपरीत है। सरकार का यह निर्णय कतई स्वीकार्य नहीं है। शिक्षक देवेश सिसौदिया ने कहा कि सवर्ण समाज इस काले कानून के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लडने के लिए तैयार है।

इस मौके पर सभासद मनोज पण्डित, बबलू सिसौदिया, अतुल चौहान देवेश सिसौदिया, आकाश दीक्षित, अवनीश भारद्वाज, दुर्वेश पचौरी, धर्मेन्द्र सिसौदिया, विजय प्रताप सिंह, राहुल जादोन, राकेश राना, सौरभ जादोन, जीवन भारद्वाज, अंकित उपाध्याय, रवि पण्डित, किशन वाष्र्णेय, गौरव सिंह, उमैर अली बेग, भारतेन्दु वाष्र्णेय, राजा ठाकुर, शशाक दीक्षित, रिंकू पाण्डेय, श्याम उपाध्याय, सक्षम प्रताप सिंह पुण्ढीर, जितेन्द्र पचौरी, गौरव वाष्र्णेय, विक्की राइडर, प्रशात चौहान, हरीबाबू गौड, अनुभव महेश्वरी, आदि मौजूद थे।

हसायन : एससीएसटी एक्ट को लेकर कस्बे में बंद का आशिक असर रहा। बाजार बंद कराने को लेकर प्रदर्शनकारियों की दुकानदार से नोकझोंक हो गई। प्रदर्शनकारियों ने सब्जी मंडी में जाम लगा कर एससी-एसटी एक्ट के विरोध में प्रदर्शन किया। आधा घटा बाद नगर के संभ्रात लोगों ने जाम खुलवा दिया। इस मौके पर दिनेश चन्द्र, रवि कुमार शर्मा, रवि प्रताप सिंह, नवनीत जादोंन, मोहित, बॉबी शर्मा आदि मौजूद थे। व्यापार मण्डल के अध्यक्ष विष्णुदत्त वाष्र्णेय, मनोज गुप्ता, दिनेश शर्मा, कैलाश पचौरी, नाथूराम वर्मा, सुरेशचन्द्र, चंकी भारद्वाज ने विकास खण्ड कार्यालय पहुंच कर सहायक विकास अधिकारी वीरपाल सिंह को राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया। समाजवादी पार्टी के जिला सचिव बंटी सेंगर ने भी ज्ञापन सौंपा।

पुरदिलनगर : कस्बा पुरदिलनगर में भारत बंद का मिला-जुला असर दिखा। दोपहर तक अधिकाश दुकानें बंद रहीं। दोपहर बाद कुछ लोगों ने दुकानें खोल ली। व्यापार मण्डल अध्यक्ष ओमप्रकाश गुप्ता ने कस्बे के बाजार पूर्ण रूप से बंद होने का दावा किया है।


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