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'कब तक करते कारसेवा', गिरा दिया ढांचा

यादों का झरोखा भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सत्यपाल सिंह ने सुनाई आंदोलन की दास्तां अयोध्या कांड श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन के लिए पति-पत्नी आगरा जेल में रहे मंदिर निर्माण का बेसब्री से इंतजार था सपरिवार खुशी से मनाएंगे

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 12:59 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 12:59 AM (IST)
'कब तक करते कारसेवा', गिरा दिया ढांचा
'कब तक करते कारसेवा', गिरा दिया ढांचा

जासं, हाथरस : पांच अगस्त को भव्य और दिव्य श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन के एलान के साथ ही मंदिर आंदोलन की यादें ताजा हो रही हैं। 30 साल पहले श्रीराम मंदिर के लिए हुई कारसेवा से लेकर 1992 में विवादित ढांचा गिरने तक के यहां के तमाम लोग गवाह रहे हैं। उस समय बार-बार कार सेवा करने वाले कार सेवक इतने उद्वेलित हो गए कि जयश्रीराम के उद्घोष के साथ विवादित ढांचा ढहा दिया। यह सब बातें राममंदिर आंदोलन से जुड़े लोग सुनाकर अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्हीं कारसेवकों में शामिल रहे भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सत्यपाल सिंह मदनावत से बात हुई तो वे उन पलों को याद कर गद्गद हो गए।

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मदनावत ने बताया, '1990 में जब कारसेवा शुरू हुई तब से लेकर 10 बार अयोध्या जाना हुआ। उस समय लोगों का जोश देखते ही बनता था। गांव-गांव जाकर जत्था तैयार किया जाता था। इसी बीच पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की अक्टूबर में राम रथयात्रा को बिहार के समस्तीपुर में रोक लिया गया और उन्हें गिरफ्तार किया गया तो पूरे देश में माहौल गरमा गया। सब जगह आंदोलन शुरू हो गया और गिरफ्तारी होने लगी। मैं और मेरी पत्नी कुसुमा देवी मदनावत आगरा के केंद्रीय जेल में भेजे गए। दोनों 14-14 दिन जेल में रहे।'

सत्यपाल सिंह ने बताया, '1991 में विधानसभा चुनाव हुए। मैं भी हाथरस विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन कामयाबी नहीं मिली। प्रदेश में कल्याण सिंह के नेतृत्व में सरकार बनी। दिसंबर 1992 में हम अन्य साथियों के साथ अयोध्या गए थे। वहां देश के कोने-कोने से लोग आए हुए थे। कार सेवा में जाने वाले रामभक्त आपस में यह चर्चा कर रहे थे कि कब तक कार सेवा करते रहेंगे। अब तो राम मंदिर बनना चाहिए। वहां रामभक्तों ने जोश में जयश्रीराम के नारे लगाते हुए विवादित ढांचे ढहा दिया और जगह को समतल कर दिया। वहां चबूतरा बनाकर भगवान राम की प्रतिमा स्थापित कर दी। इससे बाद प्रदेश की भाजपा सरकार गिर गई। मामला कोर्ट में लंबे समय तक चला। जब सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि ट्रस्ट को जमीन सौंपी तो उस फैसले से बड़ी खुशी हुई। अब वह दिन भी आ रहा है जब भगवान राम के मंदिर लिए भूमि पूजन होने जा रहा है। इससे बड़ा गर्व का दिन कोई हो ही नहीं सकता। इसका हमें बेसब्री से इंतजार था। परिवार व साथियों के साथ खुशी से मनाएंगे।'


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