सकारात्मक सोच व दृढ़ विश्वास से शुरू हो पाया हॉस्पिटल : कमिश्नर
15 साल से बंद पड़े हरि आई हास्पिटल में परामर्श-इलाज शुरू इलाज का तोहफा कमिश्नर अजयदीप ¨सह ने फीता काटकर किया शुभारंभ अस्पताल को संजीवनी देने की कोशिश में जुटे अधिकारी
संवाद सहयोगी, हाथरस : मंडलायुक्त अजयदीप ¨सह ने नए साल के पहले दिन हरि आई हॉस्पिटल में इलाज शुरू करा दिया। यह अस्पताल 15 साल से बंद पड़ा था। कमिश्नर ने फीता काटने के बाद जिलाधिकारी डॉ. रमाशंकर मौर्य को इसके लिए बधाई दी और कहा कि सकारात्मक सोच और दृढ़ विश्वास के चलते यह अस्पताल शुरू हो पाया है।
डीएम डॉ. रमाशंकर मौर्य
ने कहा कि हास्पिटल को समिति या अन्य माध्यमों से संचालित किया जाएगा। इस समय हॉस्पिटल में एक होम्योपैथिक तथा एक आंख के डॉक्टर इलाज के लिए लगाए गए हैं। जल्द ही हास्पिटल का विस्तार किया जाएगा। उन्होंने शीघ्र ही हास्पिटल को अतिक्रमण मुक्त कराने की बात भी कही। अपर आयुक्त शमीम अहमद खान, उपजिलाधिकारी हाथरस अरुण कुमार ¨सह, उपजिलाधिकारी सासनी नितीश कुमार ¨सह, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.ब्रजेश राठौर, समाजसेवी मधुशंकर अग्रवाल, गौरव अग्रवाल, अनिल गुप्ता आदि मौजूद रहे। नि:शुल्क नहीं होगा उपचार
तमाम जद्दोजहद के बाद मंगलवार को हरि आइ हॉस्पिटल परिसर के एक छोटे से हिस्से में अस्पताल का शुभारंभ तो कर दिया गया लेकिन अस्पताल में इलाज नि:शुल्क नहीं होगा। मंगलवार को पहला दिन था, इसलिए परामर्श शुल्क नहीं लिया गया लेकिन बुधवार से आंखों की जांच कराने के लिए प्रत्येक मरीज को पांच रुपये का पर्चा बनवाना होगा। उपचार के नाम पर फिलहाल केवल चश्मे के लिए आंखों की जांच ही हो सकेगी। एक निजी नेत्र परीक्षक को अस्थाई रूप से बैठा दिया गया है। हॉस्पिटल में एक निजी होम्योपैथी डॉक्टर की तैनाती भी की गई है।
पेड़ के नीचे पत्थर
रखकर शुभारंभ
हरि आई हॉस्पिटल के शुभारंभ से पहले प्रशासन ने कोई होमवर्क नहीं किया। आनन-फानन में शुभारंभ करा दिया। मंगलवार की सुबह ही रेडियो से प्रचार-प्रसार कराया गया। महीने के दूसरे गुरुवार को किसी मलिन बस्ती में लगने जाने वाले आउटरीच हेल्थ कैंप को महीने के पहले मंगलवार को हरिआई हॉस्पिटल में लगा दिया गया और इसे स्वास्थ्य मेले का नाम दे दिया गया। शुभारंभ के लिए जिस पत्थर को तैयार कराया गया था, उसे एक पेड़ के नीचे रखकर शुभारंभ की प्रक्रिया पूरी की गई। कमिश्नर के पहुंचने से पहले सफाई कराकर चूना डलवा दिया गया। मधुशंकर के जज्बे को सलाम
कमिश्नर अजय दीप ¨सह ने कार्यक्रम के दौरान अस्पताल शुरू कराने के लिए संघर्षरत समाजसेवी मधुशंकर अग्रवाल को माला पहनाकर सम्मानित किया। कमिश्नर ने मधुशंकर के जज्बे की तारीफ की। मरीजों के बोल
मुझे अब साफ दिखाई नहीं देता। सुबह रेडियो पर प्रचार से मुझे अस्पताल खुलने का पता चला तो मैं आंखों की जांच कराने चला आया। पुराना अस्पताल खुलने से खुशी हुई है।
-राजवीर, मियां का नगला मेरे बेटे ने मुझे अस्पताल खुलने के बारे में बताया था। वह भी यहां आंखों की जांच कराने आया था। मेरी शादी के कुछ समय बाद ही अस्पताल बंद हो गया था। अस्पताल खुलने की खुशी है।
-मीना देवी, कंचन नगर