Hathras Case: पॉलीग्राफ टेस्ट में खुला संदीप का झूठ, घटना के वक्त लोकेशन को लेकर मिले ये तथ्य...
हाथरस जिले के बूलगढ़ी कांड के मुख्य आरोपित संदीप सिसौदिया का भी झूठ सामने आ गया है। घटना के बाद से ही वह अपनी मौजूदगी पिता के साथ घर के बाहर बता रहा था जबकि पॉलीग्राफ टेस्ट में उसका घटनास्थल के आस-पास ही होना पाया गया है।
हाथरस, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित हाथरस जिले के बूलगढ़ी कांड के मुख्य आरोपित संदीप सिसौदिया का भी झूठ सामने आ गया है। घटना के बाद से ही वह अपनी मौजूदगी पिता के साथ घर के बाहर बता रहा था, जबकि पॉलीग्राफ टेस्ट में उसका घटनास्थल के आस-पास ही होना पाया गया है। इस मामले की अगली सुनवाई 29 जनवरी को होनी है।
पीड़ित युवती पर 14 सितंबर को हमला हुआ था। तभी से चारों आरोपित खुद को अलग-अलग स्थानों पर बता रहे थे। इनमें से रामू, लवकुश और रवि का झूठ सीबीआइ ने कॉल डिटेल खंगालते समय पकड़ लिया था। 67 दिन की जांच के बाद 18 दिसंबर को विशेष न्यायालय एससीएसटी एक्ट में सौंपी गई चार्जशीट में इसका उल्लेख किया गया है। कॉल डिटेल का हवाला देते हुए तीनों को घटना स्थल के आसपास बताया गया है।
संदीप को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब पॉलीग्राफ टेस्ट रिपोर्ट में है। यह चार्जशीट के साथ सोमवार को चारों आरोपितों को दी गई है। सूत्रों के अनुसार पॉलीग्राफ टेस्ट की रिपोर्ट में संदीप का भी घटना स्थल के आसपास होना पाया गया है। इस टेस्ट के ज्यादातर सवाल पीड़िता से जुड़े हुए थे। पीड़िता पर हमले के समय वह कहां पर था? पीड़िता से उसका मेलजोल था या नहीं, उससे फोन पर बातचीत होती थी या नहीं, वह युवती की निगरानी करता था या नहीं? उसे गांव छोडऩे की धमकी मिली थी या नहीं? ऐसे कई सवाल किए गए।
इसके जवाबों के साथ-साथ ही आरोपित संदीप के हाव-भाव का भी अध्ययन किया गया। चार्जशीट में युवती और आरोपित संदीप के तीन साल से चोरी छिपे मिलने की बात कही है। इस कांड के चारों आरोपित सितंबर से ही अलीगढ़ जेल में हैैं। इनके खिलाफ धारा 302, 376, 376ए, 376डी और एससी-एसटी एक्ट के तहत चार्जशीट दाखिल की गई है।
ये था पूरा मामला : 14 सितंबर, 2020 को हाथरस जिले के बूलगढ़ी गांव में युवती पर कथित सामूहिक दुष्कर्म के बाद हमला हुआ था। वह अपनी मां व भाई के साथ घर से थोड़ी दूर स्थित खेत पर चारा काटने गई थी। युवती के भाई ने गांव के ही संदीप के खिलाफ जानलेवा हमला व एससी-एसटी एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी। युवती को जिला अस्पताल से जवाहर लाल नेहरू (जेएन) मेडिकल कॉलेज अलीगढ़ रेफर कर दिया गया था। बयानों के आधार पर सामूहिक दुष्कर्म धाराएं बढ़ाई गईं और गांव के ही रामू, रवि व लवकुश का नाम शामिल किया गया। इन चारों को तभी जेल भेज दिया गया था। 28 सितंबर, 2020 को युवती को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल भेज दिया गया, जहां 29 सितंबर, 2020 की सुबह उसकी मौत हो गई।