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हरियाली तीज आज, घरों में होगी शिव-पार्वती की पूजा

संवाद सहयोगी हाथरस सावन के शुक्ल पक्ष की तृतीया यानि हरियाली तीज गुरुवार को मनाई जाएगी। इस दिन देवी पार्वती की विशेष पूजा करने की परंपरा है। विवाहित महिलाएं पति के सौभाग्य और स्वस्थ जीवन की कामना से व्रत रखती हैं। कोरोना संक्रमण के चलते धर्माचार्याें ने इस पर्व को घरों में ही मनाने के लिए प्रेरित किया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 12:20 AM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 12:20 AM (IST)
हरियाली तीज आज, घरों में  होगी शिव-पार्वती की पूजा
हरियाली तीज आज, घरों में होगी शिव-पार्वती की पूजा

संवाद सहयोगी, हाथरस : सावन के शुक्ल पक्ष की तृतीया यानि हरियाली तीज गुरुवार को मनाई जाएगी। इस दिन देवी पार्वती की विशेष पूजा करने की परंपरा है। विवाहित महिलाएं पति के सौभाग्य और स्वस्थ जीवन की कामना से व्रत रखती हैं। कोरोना संक्रमण के चलते धर्माचार्याें ने इस पर्व को घरों में ही मनाने के लिए प्रेरित किया है।

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हरियाली तीज महिलाओं के प्रिय त्योहारों में एक है। इस त्योहार का महिलाएं पूरे साल इंतजार करती हैं। सावन की रिमझिम फुहारों के बीच बागों में झूलों के साथ न सिर्फ गीत मल्हार गूंजती है, बल्कि भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। यह सुखी दांपत्य और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए प्रार्थना का विशेष पर्व है।

धर्माचार्य बताते हैं कि कोरोना काल में इस पर्व का महत्व और बढ़ गया है। पूजा-अर्चना के बाद प्रसाद का वितरण अवश्य करना चाहिए। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखते हुए सोलह श्रृंगार करके विधि-विधान से मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं।

घरों में करें पूजा-अर्चना

हरियाली तीज का शुभ मुहुर्त बुधवार की शाम 7.22 बजे से गुरुवार को शाम 5.03 बजे तक रहेगा। हरियाली तीज की पूजा में पीले रंग का कपड़ा, बेल पत्र, केले के पत्ते, धतूरा, तुलसी आदि रखें। वहीं, पार्वती के लिए श्रृंगार के लिए चूडि़यां, सिदूर, बिदी, बिछुआ, मेहंदी, सुहाग पूड़ा, कुमकुम, कंघी श्रीफल, कलश, चंदन, तेल और घी, कपूर, दही, चीनी, शहद, दूध और पंचामृत से पूजा करनी चाहिए। सबसे पहले मिट्टी के शिव-पार्वती व गणेश की मूर्ति बनाकर उन्हे थाली में रखकर उनकी पूजा करनी चाहिए। इनका कहना है

हरियाली तीज का पर्व महिलाओं के लिए बहुत महत्व रखता है। इस पर्व पर महिलाएं पति की लंबी आयु और परिवार की खुशहाली के लिए व्रत रखती हैं। कोरोना काल में भीड़ से बचते हुए घरों में पूजा करने का फल मंदिरों में करने के बराबर ही मिलेगा।

-पं. विश्वनाथ पुरोहित, ज्योतिषाचार्य


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