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60 हजार लेकर पेंशन व ग्रेच्युटी का भुगतान

धांधली -सादाबाद सीएचसी प्रभारी पर सेवानिवृत्त स्टाफ नर्स ने का आरोप -पीड़िता ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से की शिकायत कार्रवाई की मांग

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Aug 2019 12:49 AM (IST)Updated: Thu, 29 Aug 2019 06:21 AM (IST)
60 हजार लेकर पेंशन व ग्रेच्युटी का भुगतान
60 हजार लेकर पेंशन व ग्रेच्युटी का भुगतान

हाथरस : सादाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से रिटायर स्टाफ नर्स ने प्रभारी चिकित्साधिकारी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है, जबकि सीएमओ पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप है। रिटायर स्टाफ नर्स द्वारा साठ हजार की घूस दिए जाने के बाद पेंशन, ग्रेच्युटी का भुगतान तो हो गया लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी जीपीएफ का भुगतान नहीं हुआ है। इसे लेकर पीड़िता ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित विभिन्न जगह शिकायत की है।

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रेखा रानी पत्नी योगेश्वर शर्मा निवासी प्रगति पुरम सादाबाद 31 अगस्त 2018 को सीएचसी सादाबाद से स्टाफ नर्स के पद से सेवानिवृत्त हुई थी। रिटायर्टमेंट से पहले रेखा रानी ने अपने देयों के भुगतान के लिए प्रभारी चिकित्साधिकारी सीएचसी सादाबाद से बात की थी। आरोप है कि इस पर सीएचसी प्रभारी ने देयों के भुगतान के लिए 70 हजार रुपये का खर्च बताया था। आरोप है कि पीड़िता ने सीएमओ से मुलाकात की तो सीएमओ ने कहा कि लड़ने या शिकायत करने में कोई फायदा नहीं है। इससे तुम्हें क्लेम मिलने में दिक्कत हो सकती है। इसलिए एमओआईसी की बात मान लो। इसके बाद सीएचसी प्रभारी ने भुगतान के देयों के लिए एसपी शर्मा सेवानिवृत्त लिपिक स्वास्थ्य विभाग से मिलने का सुझाव दिया। एसपी शर्मा से पीड़िता से कई बार में 60 हजार रुपये ले लिये। इसके करीब छह माह बाद पीड़िता को पेंशन, ग्रेच्युटी का भुगतान हो गया लेकिन करीब एक साल बीत जाने के बाद भी जीपीएफ का भुगतान नहीं हो पाया है। पीड़िता सीएमओ, सम्पूर्ण समाधान दिवस में शिकायत कर चुकी है लेकिन अभी तक रेखा रानी को जीपीएफ का भुगतान नहीं हो पाया है। रेखा रानी की ओर से स्वास्थ्य मंत्री, महानिदेशक, जिलाधिकारी को शिकायती पत्र भेजे जाने के अलावा मुख्यमंत्री से शिकायत की है। प्रधानमंत्री के लिए शिकायती ट्वीट किया गया है। इनकी सुनो -

रिटायर्ड स्टॉफ नर्स के द्वारा जो आरोप मेरे व एमओआइसी सादाबाद पर लगाए गए हैं। वो पूरी तरह गलत व झूठे है। जीपीएफ की पत्रावली इलाहाबाद गई हुई है। वहीं से स्वीकृति मिलने के बाद जीपीएफ का भुगतान होना है।

डॉ. ब्रजेश राठौर, सीएमओ, हाथरस।


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