हाथरस जंक्शन का सच भी जानिए जीएम साहब
मुसाफिरों का दर्द न महत्वपूर्ण ट्रेनों का ठहराव है और न ही स्टेशन पर सुरक्षा के इंतजाम सुनो सरकार -बुनियादी सुविधाओं में फिसड्डी है जंक्शन पेयजल व्यवस्था भी नहीं सुरक्षा व्यवस्था राम भरोसे है सदर विधायक भी समस्याओं को उठाएंगे
जागरण संवाददाता, हाथरस: गुरुवार शाम को जीएम रेलवे हाथरस जंक्शन का निरीक्षण करने आ रहे हैं। उनके इंतजार में विभागीय अफसरों के साथ हाथरस के लोग भी हैं जिनका कहना कहना है कि जीएम साहब को हाथरस जंक्शन का सच भी जानना चाहिए। डीआरएम के ये कहने भर से काम नहीं चलेगा कि हाथरस जंक्शन पर इंतजाम अच्छे हैं और कोई खामी नहीं है। सच मानिए तो दावे से इतर यहां तमाम सुविधाओं का अभाव है। न महत्वपूर्ण गाड़ियों का ठहराव है और न पानी की व्यवस्था। सुरक्षा एजेंसी दो दो हैं, मगर सुरक्षा व्यवस्था राम भरोसे है। जीएम के सामने सदर विधायक भी समस्याओं को उठाएंगे।
जीएम राजीव चौधरी के हाथरस जंक्शन दौरे को देखते हुए 26 फरवरी को डीआरएम अमिताभ भी यहां का निरीक्षण कर चुके हैं। उनके सामने भी मुसाफिरों ने समस्याओं का पिटारा खोला था। जिस पर डीआरएम ने भरोसा दिलाया था कि वह समस्याओं के समाधान का प्रयास करेंगे। इन्हीं सारी समस्याओं से जीएम राजीव चौधरी को भी रूबरू कराने की तैयारी की जा रही है।
ये होनी चाहिए बुनियादी सुविधाएं
-दिल्ली से कानपुर की ओर आने वाली कई और ट्रेनों का ठहराव हाथरस जंक्शन पर हो।
-हाथरस जंक्शन पर होनी चाहिए लिफ्ट की व्यवस्था।
-पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनों के वक्त में नहीं होना चाहिए कोई अंतर।
-स्टेशन पर एक और फुट ओवर ब्रिज होना चाहिए।
हाथरस किला से किया जाए कुछ और पैसेंजर ट्रेनों का संचालन।
वाहनों के लिए स्टेशन परिसर में होनी चाहिए पाíकंग की व्यवस्था।
यूटीएस की व्यवस्था भी होनी चाहिए।
हाथरस जंक्शन पर रिजर्वेशन काउंटर का समय बढ़ाया जाए।
हाथरस जंक्शन पर भी होना चाहिए शताब्दी का ठहराव।
जंक्शन पर होना चाहिए कोच इंडीकेटर की व्यवस्था।
बेहतर कैंटीन और भोजनालय की व्यवस्था हो।
पूर्वोत्तर से जोड़ा जाए हाथरस जंक्शन स्टेशन को।
ईएमयू में होनी चाहिए शौचालय की समुचित व्यवस्था। इनका कहना है
जीएम रेलवे को समस्याओं से अवगत कराया जाएगा। हाथरस जंक्शन पर मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। मुसाफिर परेशान रहते हैं। एनई, मगध, कालिदी जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनों के ठहराव की मांग की जाएगी। फुट ओवर ब्रिज का मामला भी जीएम के सामने रखा जाएगा।
-रामगोपाल दीक्षित, समाजसेवी।