Move to Jagran APP

घेवर की मिठास पर लॉकडाउन का ग्रहण

त्योहार से दो दिन पहले लॉकडाउन के चलते चितित हैं मिठाई विक्रेता धंधे पर चोट घेवर के स्टॉक को लेकर संशय लॉकडाउन के चलते गिरेगी बिक्री दुकानदारों ने शनिवार-रविवार के बदले बाद में बंदी का किया अनुरोध

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2020 01:16 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2020 06:04 AM (IST)
घेवर की मिठास पर लॉकडाउन का ग्रहण
घेवर की मिठास पर लॉकडाउन का ग्रहण

संवाद सहयोगी, हाथरस : रक्षाबंधन पर्व घेवर के बिना फीका रहता है। यह ब्रज की मौसमी मिठाई रक्षाबंधन पर बहन-भाई के रिश्तों में मिठास घोलने का कार्य करती है। दुकानदारों के यहां स्टॉक पर्व के पहले दो दिन में ही खत्म हो जाता है। इस बार रक्षाबंधन से पहले दो दिन (शनिवार-रविवार) को लॉकडाउन को देखते हुए मिष्ठान विक्रेताओं के चेहरे पर मायूसी छायी हुई है, क्योंकि इसका असर धंधे पर पड़ सकता है।

loksabha election banner

सावन लगते ही शहर से लेकर देहात तक में मिष्ठान की दुकानों पर घेवर बननी शुरू हो जाती है। दुकानों पर लगे हलवाई सुबह से लेकर देर रात तक घेवर तैयार कराते हैं। इसके लिए कुछ हलवाई तो घरों पर भी भट्ठियां लगाकर घेवर तैयार कराते हैं। घेवर को सावन की मिठाई के रूप में भी जाना जाता है। इसे बनाने में मैदा, दूध, चीनी, घी व मावा की जरूरत पड़ती है। खुशबू व स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें केवड़ा, गुलाबजल भी मिलाया जाता है। इन दिनों बाजार से गुजरते समय मिठाई की दुकानों से घेवर की सोंधी खुशबू ध्यान आकर्षित कर लेती है। घेवर की खासियत

घेवर की वेरायटी, मूल्य, विशेषता

सादा, 380, अधिक समय तक चलता है

दूध वाला, 380, तीन-चार दिन रखा जा सकता है

मलाई वाला, 380, कम अवधि व स्वादिष्ट

केशरयुक्त, 500, पौष्टिक व सुगंधित

फेनी घेवर, 500, दूध में मिलाकर खाते हैं रिश्ते में मिठास घोलता है घेवर

रक्षाबंधन पर्व पर घेवर बहन व भाई के रिश्ते में मिठास घोलने का कार्य करता है। बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधने के बाद इसी मिठाई से भाई का मुंह मीठा कराती हैं। मायके जाते समय घेवर ले जाने की परंपरा बहुत पुरानी है। दो दिन बाद बंदी का सुझाव

पर्व से पहले दो दिन के लॉकडाउन ने मिष्ठान विक्रेताओं को संशय में डाल रखा है। घेवर की बिक्री पर्व से दो दिन पूर्व ही अधिक होती है। इनमें तैयार किया हुआ घेवर का 90 फीसद स्टॉक खत्म हो जाता है। शहर के कुछ मिष्ठान विक्रेता मंगलवार को डीएम से मिलने गए। वे नियमों के अनुसार शनिवार व रविवार को मिष्ठान की दुकानें खोलने का अनुरोध जिला प्रशासन से किया। व्यापारियों की मांग है शनिवार-रविवार की बंदी की एवज में मंगलवार-बुधवार को बंदी कर दी जाए तो बाजार का नुकसान नहीं होगा। इनका कहना है-

पर्व को लेकर दुकानदार पहले से मिठाई का स्टॉक तैयार करते हैं। रक्षाबंधन पर सबसे अधिक घेवर आदि मिठाई दो दिन पूर्व ही बिकनी शुरू होती है। हमने जिला प्रशासन से शनिवार व रविवार को मिष्ठान आदि की दुकानें खोलने का अनुरोध किया है।

- रामेश्वर दयाल, रम्मो गुरु मिठाई विक्रेता दुकानदारों को पर्व से बहुत आस होती है। लॉकडाउन इसी तरह रहा तो दुकानदारों को बहुत नुकसान होगा। करीब सत्तर प्रतिशत मिष्ठान की बिक्री नहीं हो पाएगी। जो दुकानदारों के लिए इस बार घाटे का सौदा यह पर्व साबित होगा।

- देवेंद्र शर्मा मिष्ठान विक्रेता

बाजार में जमकर खरीदारी

रक्षाबंधन और बकरीद में चंद दिनों का समय बाकी है। इससे पहले बाजार में खूब रौनक लौट आई है। कपड़े, सौंदर्य प्रसाधन, फुटवियर, घरेलू सामान समेत हरेक चीज की दुकानदारी के लिए भीड़ उमड़ रही है। राखी की दुकानें भी सज गई हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.