उठो देव, बैठो देव, पांवड़ियां चटकाओ देव
देवोत्थान एकादशी -घर-घर जागे देव, गूंजी शहनाई, शुरू हुए मांगलिक कार्य -आकर्षक रूप में सजाए गए गेस्ट हाउस, शादी समारोहों का दौर
जागरण संवाददाता, हाथरस : सोमवार को देवोत्थान एकादशी पर क्षीर सागर में सोए भगवान विष्णु जाग गए। पांच माह से रुके हुए शुभकार्य भी देवोत्थान से शुरू हो गए। घर-घर 'उठो देव बैठो देव, पांवड़िया चटकाओ देव, कुंवारिन के ब्याह करो, व्याहिन के गौना करो' की आवाज गूंज उठी। शहरभर के दो दर्जन से अधिक गेस्ट हाउस रंगीन झालरों की रोशनी में जगमगा उठे। आकर्षक सजावट से सजे गेस्ट हाउस आकर्षण का केंद्र रहे। अनुमान के मुताबिक शहर में करीब 50 से अधिक जोड़े वैवाहिक बंधन में बंधे।
शहर के प्रमुख बाजारों में रविवार से ही गन्ना, सिंघाड़ा शकरकंद की जमकर खरीदारी की गई। देर शाम तक बाजार गुलजार रहे। महिलाओं ने पूजा अर्चना की। दिये जलाए। घरो में चौक सजाई गई। गन्ने से मंडप सजाया। सूप, टोकरी व रूई चंदन, अक्षत से पूजा अर्चना की। देवों से सुख शांति की कामना की। तुलसी विवाह की कथा भक्तों ने सुनी। तुलसी सालिग्राम विवाह भी कराया। बाजारों में भीड़ लौटने से दुकानदारों के चेहरे भी खिल उठे। रेडीमेड कारोबारियों से लेकर कास्मेटिक कारोबारियों तक के यहां खरीदारी को महिलाओं व युवतियों की भीड़ जमा रही। ब्यूटी पार्लर संचालकों के यहां भी करवाचौथ के बाद रौनक लौटी। सहालगी भीड़ में दुल्हनों के साथ युवतियां भी श्रृंगार से पीछे नहीं रहीं।