निराश्रित पशुओं के लिए चारा भी उगाएगा पशु पालन विभाग
-गांव में गठित समितियों की भी ली जाएगी मदद -गांवों में चरागाह की भूमि को किया जाएगा विकसित
जासं, हाथरस : जनपद में स्थापित गोशाला में निराश्रित पशुओं के भोजन के लिए जल्द ही अब चारे उगाने के लिए पशुपालन विभाग ग्रामीणों को प्रेरित करेगा। चरागाह की जमीन को भी विकसित किया जाएगा, जिससे पशुओं के लिए भविष्य में चारे के इंतजाम का संकट न झेलना पड़े।
जनपद में 1045 हेक्टेयर चरागाह की जमीन है। निराश्रित पशुओं के रखरखाव के लिए शासन ने प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर अस्थाई गोशाला विकसित करने के निर्देश दिए थे। इसमें चरागाह की जमीन के प्रयोग को भी कहा गया था, लेकिन जनपद में पंचायत स्तर पर बन रही अस्थाई गोशाला निर्माण के बाद प्रशासन के सामने पशुओं को चारे के इंतजाम के लिए चुनौती बन गई है। अभी पंचायत, पालिका व ब्लॉक स्तर से ही इन पशुओं के लिए खाने-पीने व रखरखाव का इंतजाम किया जा रहा है। रोजाना पशुओं के लिए चारे का इंतजाम भविष्य में बड़ी चुनौती न बने इसके लिए अब पंचायत स्तर पर इसका इंतजाम किया जा रहा है। पशुओं के रखरखाव के लिए जनपद की 474 ग्राम पंचायतों में 436 समितियों को प्रशासन गठित कर चुका है। इन समितियों पर ही पशुओं की देखभाल व पंचायत स्तर पर गोशाला निर्माण का जिम्मा है। इन समितियों की मदद से ही पशुपालन विभाग अस्थाई गोशाला के आसपास पशुओं के चारे के इंतजाम के लिए भी जमीन तलाशेगा। इस जमीन पर चारा उगाने के लिए विभागीय कर्मचारी ग्रामीणों को प्रशिक्षण भी देंगे। चारा उगाने के लिए कहां-कहां कितनी भूमि चिह्नित होगी, इसका निर्णय विभाग अस्थाई गोशाला निर्माण का कार्य पूरा होने पर ही करेगा। अभी पंचायत स्तर पर अस्थाई गोशाला निर्माण का कार्य अंतिम चरण में हैं। वर्जन -
चरागाह की जमीन पर पशुओं के लिए चारा उगाया जाएगा। इस कार्य में समितियों की भी मदद ली जाएगी। ग्रामीणों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा जिससे वह स्वयं भी पशुओं के लिए चारे का इंतजाम कर सकें।
-डॉ. वीपी ¨सह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, हाथरस