महाविद्यालय की परीक्षा में जमकर हो रही नकल
नकल के नाम पर वसूले जाते हैं आठ से दस हजार रुपये महाविद्यालय परीक्षा में नकल माफियाओं का दखल
संवाद सहयोगी, हाथरस : पिछले साल तक यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में नकल माफियाओं की दखल रहता था। लेकिन अब यूपी बोर्ड परीक्षाओं में कुछ हद तक नकल पर अंकुश लग जाने के बाद महाविद्यालयों की परीक्षाओं में नकल का खेल चल रहा है। विश्वविद्यालय का सचल दल भी नकल पर अंकुश नहीं लगा पा रहा।
पैसों की चमक के आगे अब पढ़ाई को ग्रामीण क्षेत्रों में नकल माफियाओं ने दरकिनार कर दिया है। जिले में करीब 80 से अधिक महाविद्यालय हैं। लेकिन वित्तविहीन महाविद्यालयों की भरमार है। नकल कराने के लिए परीक्षार्थियों से आठ से दस हजार रुपये मांगे जाते हैं। जो परीक्षार्थी रुपये नहीं देते उन्हें अलग बैठा दिया जाता है। महाविद्यालयों की परीक्षा में अब तीन केंद्रों पर सामूहिक रूप से नकल होते हुए अधिकारी पकड़ चुके हैं। विश्वविद्यालय का सचल दल भी निरंतर छापेमारी कर रहा है। लेकिन इसके बाद भी नकल माफियाओं बेखौफ हैं। हसायन और सिकंदराराऊ क्षेत्र के परीक्षा केंद्रों पर चेहते परीक्षार्थियों को नकल आसानी से कराई जा रही है। कुछ साल पूर्व शहरी महाविद्यालयों में ग्रामीण क्षेत्र के महाविद्यालयों की परीक्षा हुई थी। तब नकल पर अंकुश लग गया था, लेकिन नकल माफियाओं की दखल के बाद अब डॉ. बी आर आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के महाविद्यालयों भी परीक्षा केंद्र बनाया जाता है।