शिक्षक भर्ती के मामलों की जांच में आई तेजी
-एडीएम, एएसपी और एडी बेसिक की टीम कर रही मामले की जांच -वर्ष 2010 के बाद तैनात शिक्षकों के डाटा का किया जा रहा मिलान
संवाद सहयोगी, हाथरस : बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में वर्ष 2010 से तैनात हुए शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच शासन स्तर से कराई जा रही है। जांच कमेटी के अधिकारियों ने तेजी से कार्य शुरू किया है। ब्लाक संसाधन केंद्रों पर रखे रिकार्ड का मिलान बीएसए कार्यालय में जमा पत्रावलियों से किया जाएगा।
फर्जी शिक्षकों के खिलाफ प्रदेश सरकार की ओर से जांच चल रही है। मथुरा प्रकरण के बाद से फर्जी शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। करीब एक माह पूर्व शासन स्तर से अपर मुख्य सचिव प्रभात कुमार ने जिलाधिकारी के माध्यम से बीएसए को निर्देश दिए थे, जिनमें कहा था कि वर्ष 2010 से जून 2018 से तक जितने भी शिक्षकों की भर्ती हुई है, उन सभी के प्रमाणपत्रों की जांच कराई जाए। इसके लिए अपर जिलाधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक, एडी बेसिक की टीम गठित की गई थी। जांच के निर्देश आने के बाद शिक्षकों का रिकार्ड बीएसए कार्यालय से अपर जिलाधिकारी कार्यालय भेज दिया गया। पिछले दिनों एडीएम ने समस्त खंड शिक्षा अधिकारियों को बुलाकर निर्देश जारी किए थे। वर्ष 2010 के बाद तैनात हुए शिक्षकों के रिकार्ड का मिलान ब्लाक संसाधन केंद्र से जाने वाले वेतन बिल प्रपत्रों से किया जाएगा। बताते चलें कि बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात रहे कई फर्जी शिक्षकों पर पूर्व में कार्रवाई हो चुकी है। अब एक बार फिर जांच होने से शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है। इन सालों में जिले के विद्यालयों में करीब 1198 सहायक अध्यापक तैनात हुए थे। इन सभी शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच की जानी है।