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होली से पहले ही महंगाई ने दिखाए रंग

सहालग के चलते त्योहार से पहले ही बढ़ी हुई है मावा आदि की कीमतें जेब पर चोट दाल घी तेल आदि के दाम भी बढ़ गए हैं बीस से तीस रुपये प्रति किलो आलू महंगा होने के कारण चिप्स और पापड़ पर भी महंगाई का असर

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 12:52 AM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2020 12:52 AM (IST)
होली से पहले ही महंगाई ने दिखाए रंग
होली से पहले ही महंगाई ने दिखाए रंग

संवाद सहयोगी, हाथरस : होली का पर्व नजदीक आते ही महंगाई ने रंग दिखाना शुरू कर दिया है। सहालग के चलते बढ़ा मावा का रेट तो होली अष्टक के कारण घटेगा, मगर दाल, घी, तेज और मेवा आदि के रेट इतने बढ़े हुए हैं कि होली की गुझिया बेस्वाद लगेगी। दैनिक उपभोग की वस्तुओं की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि होने से रसोई का बजट गड़बड़ाया हुआ है। आलू भी महंगा होने से चिप्स व पापड़ पर भी महंगाई का असर है।

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होली का पर्व नजदीक आते ही घरों में चिप्स, पापड़, गुझिया, लड्डू आदि घरों में बनने लगते हैं। सहालग को लेकर पहले ही तेल, रिफाइंड, घी, मावा आदि की कीमत बढ़ी हुई हैं। चावल, साबूदाना, दाल आदि पर महंगाई का रंग चढ़ गया है। खाद्य पदार्थ के दाम पिछले 10-15 दिन मे आसमान पर हैं। इससे गरीबों की होली फीकी नजर आने लगी है। महंगाई की रफ्तार ने गरीब और मध्यम वर्ग का बजट बिगाड़ दिया है।

किराना दुकानदार रामगोपाल ने बताया कि होली के छह दिन बचे हैं, लेकिन बाजार में ग्राहक नजर नहीं आ रहे। अभी तो ग्राहक काम चलाऊ मात्रा में सामग्री ले रहे हैं। ड्राई फ्रूट, घी आदि की बिक्री भी कम हो रही है। ये रहा बढ़ी कीमतों का हाल

खाद्य सामग्री, पिछली बार, अब की बार

चावल, 25, 30

दाल मूंग, 85, 65

उड़द दाल, 90, 70

अरहर दाल, 65, 70

चना, 55, 50

चीनी, 36, 34

बूरा, 50, 45

तेल, 100, 90

रिफाइंड, 100, 85

देशी घी, 500, 450

साबूदाना, 70, 60

सूजी, 30, 25

मैदा,28,25

आटा, 26, 23

मखाने, 600, 500

मावा, 270, 220

किशमिश, 220, 200

बादाम, 700, 650

चिरोंजी, 820, 750

रवा, 30, 25

(कीमत रुपये प्रति किलोग्राम)

ग्राहकों को लुभा रहे

पैकिग वाले उत्पाद

होली पर घरों में महिलाओं द्वारा पापड़, कचरी व गुझिया बनाए जाते थे। अब इनका क्रेज कम होता जा रहा है। बाजार में खुले व पैकिग में रेडीमेड उत्पाद आने से अब लोगों ने इन्हें घरों में बनाना कम कर दिया है। बाजार से पैकेटों में जरूरत का सामान खरीद लिया जाता है। अब बदलते दौर में सब कुछ बाजार में मौजूद है। पापड़, कचरी आदि की कीमत 50 से 200 रुपये प्रति पैकेज है। इनका कहना है

पापड़ व चिप्स आदि बनाने के लिए सामान खरीदने आए हैं। आसमान छूती महंगाई को देखते हुए सिर्फ जरूरत का सामान ही खरीद रहे हैं।

-मान सिंह ग्राहक होली पर अतिथियों के लिए गुझिया, मिठाई, पापड़ व चिप्स बनाने का अधिक शौक होता है मगर इस बार महंगाई से सब परेशान हैं।

-साधना शर्मा ग्राहक


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