आर्थिक तंगी से परेशान रोजगार सेवक ने जान दी
- मुरसान के गांव कथरिया निवासी युवक ने बिजली के खंभे से लटककर की आत्महत्या मुफलिसी - मानदेय न मिलने से था परेशान विभाग से नोटिस भी मिला था -पांच मासूमों सहित सात लोगों के पालन-पोषण की थी जिम्मेदारी
संवाद सहयोगी, हाथरस : मुरसान के गांव कथरिया में रविवार की सुबह एक रोजगार सेवक ने बिजली के खंभे से लटककर जान दे दी। पिछले कई महीनों से मानदेय न मिलने के कारण परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं चल रही थी। इस कारण घर में कलह भी रहती थी।
गांव कथरिया निवासी श्यामसुंदर (45) पुत्र स्वर्गीय बिहारी लाल मुरसान ब्लॉक में रोजगार सेवक के पद पर तैनात था। रविवार की तड़के उसका शव घर के पास लगे बिजली के खंभे पर लटका हुआ मिला। युवक की मौत की जानकारी लगते ही परिवार में कोहराम मच गया। जानकारी मिलने पर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण एकत्रित हो गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को खंभे से उतारा। पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही शव गांव पहुंचा तो तमाम लोग एकत्रित हो गए। रोजगार सेवक संघ के पदाधिकारी भी गांव पहुंच गए। 35 महीने से नहीं मिला था मानदेय
परिजनों के मुताबिक मृतक रोजगार सेवक के पद पर तैनात था। पिछले 35 महीनों से मानदेय न दिए जाने के कारण परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। मानदेय न मिलने के कारण मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का बड़ी मुश्किलों के साथ भरण पोषण कर रहा था। खंड विकास अधिकारी मुरसान के द्वारा तीन फरवरी को मनरेगा में कामकाज ठीक न करने पर पांच रोजगार सेवकों को नोटिस जारी किया गया था, जिसमें श्यामसुंदर का नाम शामिल था। पांच मासूमों सहित सात लोगों की थी जिम्मेदारी मृतक ने अपने पीछे पांच छोटे बच्चों व पत्नी को रोते बिलखते छोड़ा है। पत्नी दिव्यांग है। आशा, राकेश, मोटी, अंकित और पलक के अलावा पत्नी फूलवती व वृद्ध मां की जिम्मेदारी थी। एमकॉम पास होने के बाद भी उसकी नौकरी नहीं लग पाई थी। मृतक के दो छोटे भाई फरीदाबाद में काम करते हैं। पूरे परिवार की जिम्मेदारी होने के कारण परिवार की माली हालत बेहतर नहीं थी। इनकी सुनो
युवक के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। परिजनों ने तबियत खराब होने व परिवार की स्थिति ठीक नहीं होने की बात कही थी। उनका कहना था इसी वजह से आत्महत्या श्यामसुंदर ने कर ली।
सत्यप्रकाश, इंस्पेक्टर मुरसान, कोतवाली।
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वर्जन
श्यामसुंदर की मौत पर हमें भी सदमा लगा है। गांव के लोगों से जानकारी करने पर पता चला कि आर्थिक स्थिति के अलावा पारिवारिक कलह भी चल रही थी। नोटिस दिया जाना सरकारी विभाग में सामान्य प्रक्रिया है।
ज्योति शर्मा, बीडीओ, मुरसान ------------ मृतक के परिवार के पालन-पोषण की जिम्मेदारी ली
कथरिया निवासी श्यामसुंदर की आत्महत्या की सूचना पर जिला पंचायत सदस्य रामेश्वर उपाध्याय बागला अस्पताल पहुंचे। घटना की जानकारी लेकर परिवारीजनों को सांत्वना दी। उसके दाह संस्कार में भी भाग लिया। उन्होंने जिलाधिकारी व उपजिलाधिकारी से वार्ता कर मुख्यमंत्री राहत कोष से 10 लाख की आर्थिक सहायता दिलाने की मांग की। साथ ही परिवार के पालन पोषण की स्वयं जिम्मेदारी ली। जिला अस्पताल में सोनवीर सिंह जाटव प्रधान, फूल सिंह जाटव डीलर, मुरारीलाल मास्टर, रामवीर बघेल, रवेंद्र बघेल पूर्व प्रधान, राजवीर बघेल, गुड्डू पचौरी, गुड्डू शर्मा, भोला शर्मा, बंटी उपाध्याय आदि मौजूद थे।