आइजीआरएस पर दुबारा शिकायत का मौका न दें
-डिफाल्टर संदर्भ सामने आया तो होगी कार्रवाई, गुणवत्ता पर विशेष जोर -शिकायतकर्ता से संपर्क करके निस्तारण करने के दिए निर्देश
संवाद सहयोगी, हाथरस : समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (आइजीआरएस) की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारी ने सभी विभागाध्यक्षों को कड़े निर्देश जारी किए हैं, ताकि डिफाल्टर संदर्भों की संख्या में कमी लाई जा सके। इसके लिए शिकायतकर्ता से संपर्क कर गुणदोष का परीक्षण कर शिकायतों का निस्तारण किया जाए।
प्रदेश शासन ने जन शिकायतों के त्वरित, प्रभावी व पारदर्शी निस्तारण के लिए वेब आधारित आइजीआरएस जनसुनवाई पोर्टल बना रखा है। चूंकि जन शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण शासन की प्राथमिकता है, इसीलिए पोर्टल पर विभिन्न स्तरों से प्राप्त होने वाली शिकायतों के निस्तारण की गुणवत्ता के लिए वरिष्ठ अधिकारी श्रेणीकरण करेंगे। इस पोर्टल पर यह भी व्यवस्था की गई है कि शिकायतकर्ता निस्तारण की गुणवत्ता की ग्रे¨डग फाइव स्टार पैमाने पर कर सकें। इसमें एक या दो स्टार दिए जाने पर उसे असंतुष्ट श्रेणी का माना जाएगा। सरकार ने गुणवत्ता की जांच के लिए राज्य स्तर पर कॉल सेंटर संचालित कर रखा है, जिसके माध्यम से शिकायतकर्ता से फोन पर फीडबैक लिया जा रहा है। तमाम निर्देशों के बाद भी तमाम डिफाल्टर संदर्भ प्राप्त हो रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि शिकायत निस्तारण में गुणवत्ता का पालन नहीं किया जा रहा है। यह स्थिति अत्यंत खेदजनक है। जिलाधिकारी ने सभी अफसरों को शिकायत निस्तारण के समय शिकायतकर्ता से संपर्क स्थापित कर उसका पक्ष सुनने के बाद निस्तारण सुनिश्चित करने को कहा है। डीएसओ सुरेंद्र यादव ने सभी पूर्ति निरीक्षकों से आदेशों का पालन किए जाने के निर्देश दिए हैं।