कोरोना की जांच से डरें नहीं, सही इलाज कराएं
खुद भी बचें और बचों का ख्याल रखें मास्क सैनिटाइजर और शारीरिक दूरी का पालन बहुत जरूरी।
जासं, हाथरस : कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। अस्पतालों में भीड़ नजर आ रही है। वैक्सीन और ऑक्सीजन को लेकर हो हल्ला हो रहा है, लेकिन हालात इतने खराब नहीं है। हम सब आपस में मिलकर इन हालातों को काफी हद तक कम कर सकते हैं। सबसे ज्यादा जरूरी है कि अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें और मास्क लगाकर निकलें। शारीरिक दूरी का पालन करें और सैनिटाइजर का प्रयोग अवश्य करें। आशंका होने पर जांच जरूर करा लें, डरने की जरूरत नहीं। यह न समझें कि बुखार और खांसी है। कुछ दिन में सब ठीक हो जाएगा। यह बातें वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एसके राजू ने जागरण से बातचीत के दौरान कहीं।
डा. राजू का कहना है कि पिछले साल कोरोना काल से लगातार लोगों को मास्क पहनने, सैनिटाइजर का प्रयोग करने और शारीरिक दूरी का पालन करने की सलाह दी जा रही है लेकिन लोग अभी तक इसका पालन नहीं कर रहे हैं। बुजुर्ग समझने लगे हैं लेकिन युवा वर्ग इसे हल्के में ले रहा है। जो नशेबाजी भी अधिक कर रहे हैं, उनमें बीमारियां घर कर रही हैं। वे भी कोरोना संक्रमण के शिकार हो रहे हैं। हम दूसरों को वैक्सीनेशन की कह रहे हैं लेकिन खुद नहीं लगवा रहे हैं। सरकार मुफ्त में वैक्सीन लगवा रही है। लोगों के मन में यह सवाल भी घर कर गया है कि मेरा क्या होगा? यह स्थिति हालातों को लगातार बिगाड़ रही है। निजी स्तर पर ऑक्सीजन से लेकर अस्पताल में बेड तक के लिए सिफारिश लगवा रहे हैं। दवा व इंजेक्शन के लिए मारामारी मची है, जबकि उनसे अधिक गंभीर रोगियों को ऑक्सीजन और बेड की जरूरत है। 95 फीसद लोग खुद घर पर रहकर परिवार से भी आइसोलेट होकर ठीक हो सकते हैं। पांच फीसद लोगों को ही हॉस्पिटल की जरूरत होती है।
खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। बाहर की बनी हुई और खुले में बिकने वाले खाद्य व पेय पदार्थों से बचना चाहिए। पानी की कमी नहीं होने दे। हरी सब्जी, दाल, सलाद, फलों के जूस का प्रयोग अधिक करें। रूटीन में आप जो ताजा और प्राकृतिक भोजन कर सकते हैं उतना करते रहें। तनाव से दूर रहें। मोबाइल, टीवी और सोशल मीडिया पर अधिक ध्यान न दें। परिवार के साथ घर में अधिक समय बताएं और खुशहाल रहकर तनाव मुक्त जीवन जिएं।