मृदा का स्वास्थ्य सुधरने से दूर हो सकती हैं बीमारियां
जमीन की उर्वरा शक्ति खत्म कर रहे रासायनिक खाद जैविक खेती से दूर होगी जमीन में पोषक तत्वों की कमी।
संवाद सहयोगी, हाथरस : मृदा स्वास्थ्य परीक्षण बहुत जरूरी है। इससे मिट्टी में कम हुए पोषक तत्वों की जानकारी होने पर उनकी कमी को आसानी से पूरा किया जा सकता है। स्वस्थ मिट्टी में उत्तमता वाली फसल की पैदावार भी अधिक होती है।
यह जानकारी नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर योजना के तहत सोमवार को हाथरस विकास खंड के ग्राम कलवारी में आयोजित एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद जिला कृषि रक्षा अधिकारी यतेंद्र सिंह ने दी। उन्होंने कहा कि अधिक पैदावार के चक्कर में किसान रासायनिक खाद का अधिक प्रयोग कर रहा है। यही रासायनिक खाद जमीन के पोषक तत्वों को कम कर जमीन को ऊसर बना रहे हैं। उन्होंने स्वस्थ फसल व अधिक पैदावार के लिए जैविक खेती करने के लिए किसानों को जागरूक किया। अध्यक्षता जयपाल सिंह व संचालन सुरेंद्रपाल सिंह ने किया। वहीं दूसरी ओर क्षेत्र के ग्राम मीतई में भी आयोजित गोष्ठी में मृदा परीक्षण के लिए किसानों को प्रशिक्षिण दिया गया। इस मौके पर डॉ. जेके शर्मा, आरके पाठक, नरेंद्र शर्मा, डॉ. जीसी शर्मा, अशोक सारस्वत, बनवारीलाल शर्मा, जितेंद्र सिंह और विनोद कुमार आदि मौजूद थे। बिना टैगिग वाले पशुओं को बेचना प्रतिबंधित : डीएम
जासं, हाथरस : जिलाधिकारी प्रवीण कुमार के अनुसार भारत सरकार के निर्देशानुसार राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत पशुपालन विभाग की टीमों द्वारा गोवंशीय एवं महिषवंशीय पशुओं में ईअर टैगिग की जा रही है। अब बिना टैग लगे गोवंशीय एवं महिषवंशीय पशुओं की बिक्री प्रतिबंधित की गई है। निर्देशित किया गया है कि बिना टैग लगे पशुओं का क्रय-विक्रय परिवहन न हो। पशु पैंठ, हॉट में क्रय-विक्रय के लिए आने वाले पशुओं की क्रय-विक्रय रसीद पर टैग नंबर अवश्य अंकित किया जाए।