तीन दिन से चारदीवारी में बंद हैं बेसहारा पशु
आलू की फसल को रौंद रहे गोवंश भड़क रहा किसानों का आक्रोश कलवारी के ग्रामीण चारदीवारी में बंद पशुओं का खुद कर रहे चारे का इंतजाम प्रशासन ने नहीं कराई चारे की व्यवस्था गोशाला भेजने के लिए टैगिग शुरू
संवाद सहयोगी, हाथरस : आलू की फसल से लहलहाते खेतों को बेसहारा पशु रौंद रहे हैं। इसको लेकर एक बार फिर ग्रामीणों में गुस्सा फूटने लगा है। गांव कलवारी में तीन दिन से 100 से अधिक गोवंश चारदीवारी बंद कर दिए हैं। ग्रामीण खुद ही उनके चारे-पानी का इंतजाम कर रहे हैं। प्रशासन ने इनके चारे के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। उन्हें गोशाला भेजने के लिए टैगिग शुरू हो गई है।
पिछली बार लावारिस गोवंश किसानों के लिए बड़ी टेंशन बने थे। आलू की बुवाई एक माह पहले हो चुकी है। अब लहलहाती फसल खड़ी है। इस सीजन में फिर गोवंश किसानों की मेहनत पर पानी फेरने लगे हैं। गांव कलारी, शहजादपुर, तरफरा, तेहरा आदि गांवों में भी गोवंश फसल को काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने शनिवार से पशुओं को कलवारी में चार दीवारी वाले मैदान बंद कर दिया है। तीन दिन से इन पशुओं की सरकारी विभाग ने कोई सुध नहीं ली है।
पशुओं को खिला रहे चारा
भूखे-प्यासे इन पशुओं के लिए कुटी, चारे व पानी की व्यवस्था किसान खुद कर रहे हैं। चारदीवारी में बंद इन पशुओं में गाय, बछिया, बछड़ा व सांड़ सहित 100 से अधिक शामिल हैं। करीब आधा दर्जन ग्रामीण इनकी देखभाल में लगे हुए हैं। किसी पशु परेशानी न हो इसके लिए रात्रि में ग्रामीणों की ड्यूटी लगाई गई। बॉक्स :
पशु चिकित्सकों ने की टैगिग
एसडीएम नीतीश कुमार सोमवार सुबह गांव में पहुंचे। उन्होंने गोवंश के बारे में जानकारी कर पशु चिकित्सकों की टीम को टैगिग के निर्देश दिए। टीम ने करीब 100 गोवंशों की टैगिग व स्वास्थ्य परीक्षण किया। घायल पशुओं गोवंशों की मरहम-पट्टी भी की गई। टीम में उप मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अनिल कुमार शर्मा, डा. तनुजा, डॉ. आशीष आदि शामिल थे।
कैलोरा गोशाला भेजे जाएंगे
ग्राम कलवारी में पकड़े गए गोवंश कैलोरा स्थित गोशाला भेजे जाएंगे। इसलिए टैगिग की गई है। शीघ्र व्यवस्था की जा रही है।
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सहयोग से चारे की व्यवस्था
ग्रामीणों ने पशुओं के लिए चारा-पानी की व्यवस्था की है। इसमें ग्राम प्रधान राजकुमार का सहयोग सराहनीय रहा है। सहयोग करने वालों में कलवारी, तरफरा व तेहरा के ग्राम प्रधान का भी सहयोग है। इनका कहना है
किसानों की फसल गोवंश बर्बाद कर देते हैं। इनका 30 रुपये में कैसे पेट भरेगा। सरकार को चारे की धनराशि और बढ़ाना चाहिए।
- देवेंद्र जादौंन, किसान शहजादपुर गेहू, आलू की फसल बर्बाद कर दी है। रात में जाग कर फसलों की रखवाली करनी पड़ती है। सरकार ने कोई इंतजाम नहीं कराए।
- मोहन सिंह, किसान कलवारी
गोवंश की देखभाल खुद गांव के लोगों के साथ कर रहे हैं। बिना प्रशासनिक मदद के गोवंशों के लिए चारे का इंतजाम करना मुश्किल है।
- राजकुमार, ग्राम प्रधान, कलवारी