आरटीइ के जरिए पढ़ रहे गरीब बच्चों का मांगा डाटा
फीस प्रतिपूर्ति समय से आ सके इसके लिए स्कूलों से मांगी जानकारी पिछले सत्र के विद्यार्थियों को भी
फीस प्रतिपूर्ति समय से आ सके इसके लिए स्कूलों से मांगी जानकारी, पिछले सत्र के विद्यार्थियों को भी नहीं मिल सका अभी तक धनराशि
संवाद सहयोगी, हाथरस : शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के दाखिले प्री प्राइमरी व कक्षा में कराए जाने का प्रावधान है। अब स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का डाटा बीएसए द्वारा संचालकों से मांगा गया है, ताकि विद्यालयों को फीस प्रतिपूर्ति और बच्चों के अभिभावकों को मिलने वाली पांच हजार रुपये की मदद मिल सके।
जिलेभर के प्राइवेट स्कूलों में आरटीई के तहत प्रवेशित बच्चों के संबंध में बीएसए ने निर्धारित प्रारूप पर सूचना मांगी है। जिसे लेकर स्पष्ट निर्देश दिए गए कि 25 अक्टूबर तक सूचना उपलब्ध न कराए जाने पर फीस प्रतिपूर्ति तथा बच्चों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता का भुगतान न होने पर विद्यालय संचालक खुद जिम्मेदार होंगे।
बीएसए मनोज कुमार मिश्र ने बताया कि संबंधित विद्यालय के सूचना उपलब्ध न कराए जाने पर ऐसे विद्यालयों को फीस प्रतिपूर्ति और बच्चों को वित्तीय सहायता का भुगतान संभव नहीं हो सकेगा। इसके लिए संबंधित विद्यालय संचालक उत्तरदायी होंगे।