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मोनिका के संबल से संवर रहीं बेटियां

अब महिला कल्याण अधिकारी बनकर 105 बिखरे परिवारों को मिलवायामिली सराहना।

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Oct 2021 04:13 AM (IST)Updated: Mon, 11 Oct 2021 04:13 AM (IST)
मोनिका के संबल से संवर रहीं बेटियां
मोनिका के संबल से संवर रहीं बेटियां

योगेश शर्मा, हाथरस : पुरुष प्रधान समाज में महिलाएं हर क्षेत्र में बेहतर काम कर नाम और गौरव हासिल कर रही हैं। अबला कही जाने वाली महिलाओं को सबला बनाने के अहम काम में लगीं महिला कल्याण विभाग की अधिकारी मोनिका गौतम ने पढ़ाई के दौरान गरीब बेटियों को न सिर्फ मुफ्त में पढ़ाया बल्कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए पद और पैसे का मोह तक छोड़ दिया।

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मूल रूप से मथुरा के राया क्षेत्र के गांव बल्टीगढ़ी में पली-बढ़ीं मोनिका गौतम महिला कल्याण अधिकारी के पद पर तीन वर्ष से कार्यरत हैं। उनकी शादी सादाबाद ब्लाक में एपीओ के पद पर तैनात धीरज दीक्षित के साथ हुई है। वे बताती हैं कि उन्होंने एमबीए एवं एमएसडब्ल्यू (प्रबंधन एवं सामाजिक कार्य में परास्नातक) किया। उनके पिता गिरीश कुमार गौतम पुलिस विभाग में सब इंस्पेक्टर पद से रिटायर हुए थे। वह विभाग में अपनी ईमानदारी के लिए जाने जाते थे। उनकी परवरिश संयुक्त परिवार में हुई जिसकी मुखिया दादी गायत्री देवी थीं जिनसे ईमानदारी, कठिन परिश्रम, तथा विचारों की सादगी विरासत में प्राप्त हुई। अपनी स्नातक की पढ़ाई के दौरान इन्होंने व्यक्तिगत स्तर पर आसपास रहने वाली बालिकाओं को मुफ्त में शिक्षा प्रदान की। उन्हें उच्च शिक्षा में दाखिला कराने के लिए उनके परिवारीजनों को मनाती भी थीं। मोनिका बताती हैं कि शुरू से ही वे महिलाओं, बालिकाओं को उनकी रुचि के अनुसार बेहतर जीवन जीने में मदद किया करती थीं। विभिन्न कारणों से कई बार चाहते हुए भी मदद न कर पाने की टीस भी रहती थी। छोड़ा पद और पैसे का लोभ

बकौल मोनिका 12 वर्ष प्राइवेट सेक्टर में ह्यूमन रिसोर्स मैनेजर के तौर पर कार्य किया। प्राइवेट सेक्टर में एक अच्छे पद एवं विशेष तौर पर एक अच्छे पैकेज को छोड़कर महिला कल्याण अधिकारी के पद पर कार्य करना आरंभ किया। महिलाओं को सशक्त बनाने का छेड़ा अभियान

मोनिका महिलाओं एवं बालिकाओं की पीड़ा को समझकर उन्हें समस्त सरकारी योजनाओं से अधिकतम लाभान्वित कराने की दिशा में कार्य कर रही हैं। महिलाओं के प्रति होने वाली किसी भी प्रकार की हिसा को रोकने में में अहम भूमिका निभा रही हैं। घरेलू महिलाओं के अभिमुखीकरण नामक कार्यक्रम के माध्यम से घर-घर जाकर, आंगनबाड़ी केंद्रों व स्कूल-कालेजों के माध्यम से अधिकतम महिलाओं एवं बालिकाओं के साथ संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं को जानने व उनके निराकरण का भरपूर प्रयास कर रही हैं। ईमानदारी ने मिलती है सफलता

महिला कल्याण अधिकारी मोनिका बताती हैं कि जनपद में ज्वाइनिंग के तीन महीने बाद से ही विभिन्न बालिकाएं जीवन में आगे बढ़ने के लिए अनेक प्रकार की सलाह व मार्गदर्शन प्राप्त करने आने लगीं। उनकी हरसंभव मदद कर मार्गदर्शन करती हैं।

बेटियां समाज एवं परिवार की किसी भी रूढि़वादिता की शिकार न हों। यदि अपने विचारों एवं कृत्यों में ईमानदारी एवं सकारात्मकता से प्रयास करते हैं तो आपकी सफलता निश्चित है।


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