सीआरपीएफ जवान का आगरा में होगा इलाज
आठ साल बाद नक्सलियों से छूटे जवान की हालत में मामूली सुधार थोड़ा खाना खाया, कुछ देर परिजनों से बात करने की कोशिश की
जागरण संवाददाता, हाथरस : आठ साल बाद उड़ीसा में नक्सलियों के कब्जे से छूटकर आए सीआरपीएफ जवान विमलकांत निर्माेही की हालत में मंगलवार को मामूली सुधार दिखा। परिजन उन्हें उपचार के लिए आगरा ले जाने की तैयारी कर रहे हैं। इसको लेकर मंगलवार को परिजन जरूरी कागजात तैयार करने में जुटे थे।
बता दें कि गांव कुरसंडा निवासी विमलकांत निर्माेही सीआरपीएफ में कांस्टेबल थे। मई 2010 में वह ड्यूटी के दौरान लापता हो गए थे। 19 अगस्त 2018 को परिजनों को कटक में उनके मिलने की सूचना मिली थी। परिजन 25 अगस्त को उन्हें गांव ले आए। विमलकांत के भाई शिवकांत के अनुसार मंगलवार को उनकी हालत में मामूली सुधार दिखा। उन्होंने थोड़ा खाना खाया, जो कि पच भी गया। थोड़ा बोलने की कोशिश भी की। शिवकांत ने बताया कि मंगलवार को पिता के साथ भाई के कागजात तैयार कराने तहसील और जिला मुख्यालय गए थे। उन्हें अब आगरा उपचार के लिए ले जाएंगे।
खुफिया एजेंसियां सक्रिय :
सीआरपीएफ के जवान के आठ साल बाद अचानक लौटने के बाद स्थानीय खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। जवान के स्वास्थ्य और आचरण के बारे में एजेंसियां जानकारी जुटा रही हैं। जवान के स्वस्थ होने के बाद सीआरपीएफ के अधिकारी पूछताछ के लिए यहां आएंगे।