गोसेवा को खाली है कोष, किसको दें दोष
जासं, हाथरस : गोसेवा का दम भरने वाले लोगों को जनपद में गोवंशीय पशुओं की पीड़ा नहीं दिख रही है। यही का
जासं, हाथरस : गोसेवा का दम भरने वाले लोगों को जनपद में गोवंशीय पशुओं की पीड़ा नहीं दिख रही है। यही कारण है कि एक माह बाद भी गोशाला का कोष खाली है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने जरूर इस कोष में 2500 रुपये दिए हैं। ऐसे में कौन है खाली कोष के लिए दोषी?
पशुपालन विभाग ने गोवंशीय पशुओं के संरक्षण के लिए गोसंरक्षण एवं संवर्धन समिति का गठन किया। इस समिति के नाम से खाता संख्या 4023101000840 आइएफसी कोड सीएनआरबी 0004023 खुलवाकर लोगों से मदद मांगी। एक दो क्लब ने सासनी पराग डेयरी में पहुंचकर थोड़ा हरा चारा पशुओं को डालकर मीडिया की सुíखयां जरूर बटोरीं, लेकिन वास्तविक मदद को अभी तक किसी ने गंभीरता नहीं दिखाई है। जनपद में अभी तक सिर्फ 28 अस्थाई गोशालाएं बनी हैं, जबकि 270 पर काम चल रहा है। तबाह कर दी फसल, नहीं बनी गोशाला
सादाबाद के गांव नसीरपुर रसमई निवासी किसान केंद्र प्रताप ¨सह ने शनिवार को सीडीओ एसपी ¨सह से मिलकर गांव में आवारा सांड़ के आतंक की शिकायत की। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी फसल खराब कर दी, लेकिन प्रधान व पंचायत स्तर पर गठित समिति गांव में अस्थाई गोशाला बनाने में रुचि नहीं ले रही है। चारे के लिए शासन ने दिए एक करोड़
सीडीओ एसपी ¨सह के मुताबिक निराश्रित पशुओं के चारे के इंतजाम के लिए शासन ने प्रत्येक जनपद के लिए एक करोड़ रुपया अवमुक्त कर दिया है, लेकिन अभी यह पैसा जनपद को मिलने में दो-एक दिन का समय लग जाएगा। वर्जन
सभी पंचायत स्तर पर अस्थाई गोशाला का निर्माण तेजी से चल रहा है। जल्द ही गठित समितियों को बुलाकर समीक्षा कर प्रगति रिपोर्ट ली जाएगी कि कहां-कहां समितियों ने गोशाला का निर्माण होगा।
एसपी ¨सह, सीडीओ, हाथरस