नगला ब्राह्मण में बनेगा गो संरक्षण केंद्र
???????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????
संवाद सहयोगी, हाथरस : निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए जिले में गो संरक्षण केंद्र की स्थापना का कार्य जल्द शुरू हो जाएगा। इसके लिए सिकंदराराऊ के नगला ब्राह्मण में चकबंदी विभाग द्वारा बचत में छोड़ी गई भूमि का चयन किया गया है। ग्राम पंचायत से प्रस्ताव मिलते ही इस भूमि को किसानों के कब्जे से मुक्त कराया जाएगा।
प्रदेश शासन ने वृहद गो संरक्षण केंद्र खोलने के लिए 1.20 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान करते हुए 50 लाख रुपये की धनराशि अवमुक्त कर दी है। इसके लिए करीब 25 हजार वर्गफीट भूमि चाहिए। सासनी व सादाबाद में भूमि न मिलने पर सिकंदराराऊ तहसील से भूमि मांगी गई थी। चकबंदी अधिकारियों से वार्ता के बाद पुरदिलनगर से हसायन रोड़ पर मियां पट्टी देवरी ग्राम पंचायत के नगला ब्राह्मण में 1.360 हेक्टेयर भूमि की तलाश हो गई है। इस भूमि पर फिलहाल किसानों ने अपनी फसलें बोकर कब्जा कर रखा है। एसडीएम सिकंदराराऊ नीतीश कुमार ने गो संरक्षण केंद्र का ग्राम पंचायत का प्रस्ताव मांगा है। प्रस्ताव मिलते ही इस भूमि से कब्जा हटाने की कार्रवाई की जाएगी। भूमि कब्जामुक्त होते ही इसका निर्माण शुरू हो जाएगा। इसके निर्माण के लिए प्रमुख सचिव पशुपालन ने उत्तर प्रदेश विधायन एवं निर्माण सहकारी संघ पैकफेड को निर्माण की सौंपी गई है।
गो संरक्षण केंद्र में यह होंगी सुविधाएं
14 हजार वर्गफीट क्षेत्रफल में चार पृथक गोवंश शेड निर्माण, दो हजार वर्गफीट क्षेत्रफल में दो भूसा गोदाम निर्माण, 300 वर्गफीट क्षेत्रफल में कार्यालय, औषधि कक्ष व स्टोर निर्माण, 1100 वर्गफीट क्षेत्रफल में 6 कर्मचारी आवास, शौचालय, स्नानागार निर्माण, 800 वर्गफीट क्षेत्रफल में चारा पानी के लिए चार चरहियों का निर्माण, 5400 वर्गफीट क्षेत्रफल में खुली चरहियों निर्माण, 10 हजार लीटर क्षमता की पानी की टंकी, पंप हाउस निर्माण, बाउंड्रीवाल व शेडों के पृथकीकरण के लिए बाड़ की व्यवस्था के कार्य होंगे। इनका कहना है.
भूमि न मिलने से निर्माण में देरी हो रही थी। अब भूमि चयनित हो गई है। ग्राम पंचायत का प्रस्ताव मिलते ही निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा। शासन ने निर्माण के लिए 50 लाख रुपये का फंड पहले ही मिल चुका है। शासन के मानकों के अनुरूप ही कार्यदायी संस्था को भुगतान की व्यवस्था की जाएगी।
-डॉ. भूपेंद्र प्रताप ¨सह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी