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प्रधान जी महान, डकार गए अनुदान

पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी योजना को पलीता लगा रहे प्रधान व वीडीओ अंधेर शौचालयों का अनुदान डकारने में पीछे नहीं रहा है सरकारी अमला -1.17 करोड़ रुपये से बनाए जाने थे 946 शौचालय धरातल पर नदारद

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 12:24 AM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 12:24 AM (IST)
प्रधान जी महान, डकार गए अनुदान
प्रधान जी महान, डकार गए अनुदान

जागरण संवाददाता, हाथरस : गरीबों के हक को जनपद के कई प्रधान डकार गए। ये हक था शौचालय में सरकारी अनुदान का। इसमें सरकारी अमला भी पीछे नहीं रहा। लाभार्थी भी अछूते नहीं रहे। विभाग इनकी निगरानी ठीक से नहीं कर सका। 01 करोड़ 17 लाख 39 हजार 666 रुपये से 946 शौचालय बनने थे, मगर इनमें से ज्यादातर लापता हैं।

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ये है योजना : केंद्र सरकार ने दो अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की गई थी। इस योजना के तहत उन परिवारों को शौचालय बनाने के लिए अनुदान दिया जाना था, जिनके घरों में शौचालय नहीं थे। प्रधान और सचिव के संयुक्त खाते में पैसा हस्तातरित किया गया था। छह ने मिलकर लिखी घोटाले की पटकथा

वर्तमान में मुरसान क्षेत्र में तैनात हरकेश सिंह की चार साल पहले 2016 में सहपऊ क्षेत्र में बतौर ग्राम पंचायत अधिकारी के रूप में तैनाती थी। तब स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय में अनुदान रेवड़ी की तरह प्रधानों के जरिये बाटा जा रहा था। तब इन शौचालयों की गुणवत्ता का सत्यापन किसी स्तर से नहीं किया गया। नतीजा यह हुआ कि वर्ष 2016 और 2017 में एक करोड़ रुपये से अधिक अनुदान की रकम डकार ली गई। इसमें ग्राम पंचायत सचिव हरकेश सिंह के अलावा पाच गावों के प्रधान शामिल थे। इन पाचों गावों पर एक ही ग्राम पंचायत अधिकारी था।

संयुक्त खाते से संयुक्त बंटवारा

ग्राम पंचायत निधि में शौचालय की अनुदान राशि भेजी जाती है। यहां से सीधी रकम लाभार्थी के खाते में डाली जाती है। निधि का खाता संयुक्त रहता है और पैसा प्रधान और सचिव के हस्ताक्षर से निकाला जाता है। संयुक्त खाते के कारण अनुदान हजम की गई।

गबन में किए गए थे निलंबित

गबन के मामले में ग्राम पंचायत अधिकारी हरकेश सिंह को एक अप्रैल 2017 को जिला पंचायत राज अधिकारी ने निलंबित कर दिया था और मई में तत्कालीन डीएम अमित कुमार सिंह ने उन्हें जेल भिजवा दिया था। वीडीओ से 58 लाख रुपये वसूला जाना था। इसमें से तीन लाख 42 हजार रुपये तो उन्होंने जमा कर दी थी। शेष 54 लाख 58 हजार रुपये वसूला जाना था। बाकी रकम बहाली होने के बाद जमा कराने का आश्वासन दिया था जिसपर उन्हें अंतरिम रूप से बहाल कर दिया गया, मगर बहाली के बाद भी बाकी रकम जमा नहीं की। दो प्रधानों ने जमा नहीं किया

तत्कालीन पाच ग्राम प्रधानों को 59 लाख जमा करने थे। तीन ने पैसा जमा कर दिया। बाकी के लिए पूर्व प्रधान को वसूली का नोटिस जारी कर दिया गया है। इनमें धाधऊ के पूर्व प्रधान रामदयाल और सुल्तानपुर से हरीप्रकाश हैं। जिन गावों के प्रधानों ने पैसा जमा कर दिया उनमें आरती, बहादुरपुर और नगला सलेम के हैं। इन गाव में बनने थे शौचालय

शौचालय, गांव

236, धाधऊ

374, सुल्तानपुर

133, नगला सलेम

143, बहादुरपुर देवकरन

60, आरती ये भी जानिए

02 अक्टूबर 2014 को शुरू हुई थी स्वच्छ भारत योजना

1 लाख 75 हजार शौचालय जनपद में बनाए जा चुके हैं।

2172 शौचालय और मार्च 2020 तक बनाए जाने हैं।

12 हजार रुपये मिलता रहा है एक शौचालय पर अनुदान।

वर्जन

मेरे कार्यकाल से पहले वर्ष 2016 में शौचालय अनुदान की धनराशि का गबन किया गया था। इसमें पाच प्रधान और एक वीडीओ शामिल रहा है। इस मामले में पहले ही मुकदमा दर्ज हो चुका है। दो बार वीडीओ को निलंबित किया गया। जिन दो प्रधानों पर पैसा है उनको नोटिस दे दिया गया है। अभी किसी लाभार्थी के अनुदान हड़पने की शिकायत नहीं है।

-बनवारी सिंह, डीपीआरओ हाथरस।


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