Move to Jagran APP

चितापुर में संघर्ष, पथराव और फायरिग

पुलिस की लापरवाही से बढ़ा विवाद सांप्रदायिक विवाद बचा पुलिस ने छह लोगों को दबोचा गांव में पीएसी तैनात

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Mar 2019 01:39 AM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 01:39 AM (IST)
चितापुर में संघर्ष,  पथराव और फायरिग
चितापुर में संघर्ष, पथराव और फायरिग

संवाद सहयोगी, हाथरस : पुलिस की लापरवाही के चलते शनिवार को शहर से सटे गांव चितापुर में दो जातियों का विवाद सांप्रदायिक रंग लेते-लेते बच गया। इस दौरान दोनों पक्षों में जमकर मारपीट, पथराव और फायरिग हुई। दोनों ओर से दर्जनभर लोग घायल हो गए। पुलिस ने दोनों ओर से नौ आरोपितों को हिरासत में लिया है। गांव में तनाव देख पुलिस-पीएसी को तैनात कर दिया है।

loksabha election banner

पुलिस के मुताबिक चितापुर में विष्णु प्रजापति का लेनदेन को लेकर लखमी जाटव से विवाद चल रहा था। शुक्रवार शाम विष्णु कहीं से लौट रहा था, तभी लखमी ने राहुल, गोविदा, जयवीर, बंटी के साथ मिलकर पीट दिया। विष्णु के परिजन भी पहुंच गए, तो दोनों पक्षों में मारपीट हुई। पुलिस पहुंची मगर मामले को गंभीरता से नहीं लिया। शनिवार की सुबह विष्णु पक्ष का 13 साल का अंकित नमक खरीदने भेजा, तो दूसरे पक्ष ने बंधक बना लिया। परिजन छुड़ाने पहुंचे, तो फिर मारपीट की।

इसी बीच लखमी पक्ष ने पड़ोसी किदौली से अल्पसंख्यक समुदाय के दर्जनों लोगों को बुला लिया। सभी ने विष्णु पक्ष के लोगों के घरों पर हॉकी-डंडों से हमला बोल दिया। कई घरों की पानी की टंकी, सीवेज लाइन और दरवाजे तोड़ दिए। विष्णु पक्ष के लोगों ने भी छतें से पथराव कर दिया। इस पर दूसरे गांव से आए लोगों ने फायरिग शुरू होने लगी।

कोतवाल जितेंद्र दीखित का कहना है कि एक पक्ष ने सरिया, डंडे, चाकू से हमले का आरोप लगाया है। फायरिग की बात गलत है। आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया है। अब सक्रिय हुई पुलिस :

सामुदायिक संघर्ष की सूचना मिलते ही पुलिस पहुंची दो दोनों पक्षों के लोग भागने लगे। पुलिस ने विष्णु पक्ष से उनके भाई संजय, चंद्रपाल और मनोज को दबोच लिया। वहीं दूसरे पक्ष से छह लोगों को हिरासत में लिया है। झगड़े में विष्णु, उनके तयेरे भाई नरोत्तम सिंह, सगे भाई संजय उर्फ नाहर सिंह, चाचा हाकिम सिंह, चाची गुड्डी देवी, चचेरा भाई पिकू और मां सावित्री देवी घायल हुई हैं। दूसरे पक्ष के घायलों का पता नहीं चला है, उनके घरों पर ताला लगा है। पुलिस ने घायलों का मेडिकल परीक्षण कराया।

झगड़े के बाद थाने पर दोनों पक्षों के बीच समझौते के लिए कई लोग प्रयास करते दिखे लेकिन पुलिस ने विष्णु के भाई गौरीशंकर पुत्र भीमसेन की तहरीर पर गांव के मुन्ना, लखमी, गोविदा, बाले, अजीत, सकूरा, राहुल को बलवे की धाराओं में नामजद किया है और छह-सात लोगों को अज्ञात आरोपित बनाया है।

पुलिस चाहती तो टल जाता संघर्ष मामूली लेनदेन के विवाद में संघर्ष को गंभीरता से नहीं लिया

ब्लर्ब-

शनिवार सुबह जब अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की एंट्री हुई तब जागी खाकी संवाद सहयोगी, हाथरस : शहर से सटे गांव चितापुर में दो जातियों के लोगों का मामूली विवाद एक दिन पहले ही निपट सकता था मगर तब पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। ऐसी लापरवाही तब हुई है जब लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही है और आचार संहिता लागू है। अब झेंप मिटाने के लिए न सिर्फ तगड़ी कार्रवाई की भू्मिका बनी है बल्कि पुलिस दूसरे पक्ष के लोगों की गिरफ्तारी की कोशिशों में भी जुटी है।

चितापुर के विष्णु प्रजापति का विवाद लेनदेन को लेकर ही दूसरे पक्ष के लखमी से चल रहा था। होली पर विवाद बढ़ा तो शुक्रवार की शाम को ही दोनों पक्षों में संघर्ष हो गया। होली के दिन और शुक्रवार को भी जिले भर में तमाम जगह संघर्ष और मारपीट की घटनाएं हुईं थी। एक तो पुलिस ऐसे तमाम मामलों में उलझी थी और दूसरे इस घटना को भी पुलिस ने होली पर नशे में होने वाले विवादों की तरह ही लिया। दोनों पक्षों को सिर्फ चेतावनी देकर लौट आई। यदि उसी समय दोनों पक्षों के प्रमुख लोगों को उठा लिया गया होता तो शनिवार का फसाद बच जाता। पुलिस समझ नहीं पाई और दोनों पक्षों में रंजिश की आग धधक रही थी। शनिवार को दूसरे पक्ष के लोगों ने अंकित नामक किशोर को जबरन बंधक बनाकर चिंगारी लगा दी। इसके बाद भी हुए विवाद की सूचना पर पुलिस तत्काल पहुंचती तो मामला रुक जाता मगर पुलिस के पहुंचने तक दूसरे पक्ष से पहुंचे अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने मामला बिगाड़ दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.