लॉकडाउन में लॉक है करोड़ों का कपड़ा कारोबार
फोटो- 1 से 4 सब हेड यही हालात रहे तो भुखमरी के कगार पर आ जाएंगे नगर के सैकड़ों रेडीमेड कारोबारी सूरतेहाल कारोबारी बोले उद्योगों को छूट है तो हमें कारोबार की छूट में क्यों हिचक रहा प्रशासन 53 दिन से बंद पड़ा है रेडीमेड कपड़ों का कारोबार
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जागरण एक्सक्लूसिव-
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जागरण संवाददाता, हाथरस: लॉक डाउन 3.0 लागू करने से ही पहले उद्योग धंधों के चलाने की इजाजत दे दी गई, मगर कपड़ा कारोबार अभी भी लॉकडाउन में लॉक है। कपड़ा कारोबारियों का शासन प्रशासन से सीधा सवाल है कि उद्योगों को छूट मिलती है तो हमें कारोबार करने की छूट देने में हिचक क्यों? हम भी कारोबार शारीरिक दूरी और मॉस्क पहनकर शुरू कराना चाहते हैं। अगर और दिन भी यही हालात रहे तो इस कारोबार से जुड़े सैकड़ों परिवार भुखमरी के कगार पर आ जाएंगे। सरकार को हमें कुछ रियायतें देनी चाहिए।
हाथरस में कपड़े का थोक से लेकर रिटेल का करोड़ों रुपये का कारोबार है। यहां माल तैयार होकर देश भर के प्रमुख शहर दिल्ली, पंजाब, कानपुर, लखनऊ कर्नाटक, लुधियाना तक जाता है। मगर 22 मार्च से पूरे देश में लॉक डाउन के बाद कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया। कारोबारी और उनका हजारों की संख्या में स्टाफ घर पर बैठा है सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि सरकार के निर्देश के बाद स्टाफ दबाव बनाता है कि कारोबार चले या बंद रहे। मगर उनको तो तनख्वाह चाहिए। इसके अलावा बिजली और अन्य टैक्स भी चुकाने पड़ रहे हैं। अगर यही हालात रहे तो स्टाफ और कारोबारियों के परिवार भुखमरी के कगार पर होंगे। कपड़ा कारोबार का सीजन होता है जैसे सहालग के बाद रमजान। मगर लॉक डाउन में सब कुछ चौपट हो गया।
अटका करोड़ों का कारोबार
रेडीमेड के ब्रांडेड डिस्ट्रीब्यूटर, होलसेलर व रिटेलर और अन ब्रांडेड होल सेलर कारोबारियों के शोरूम में करीब करोड़ों रुपये का रेडीमेड का स्टॉक अटका पड़ा है। इन कारोबारियों ने ग्राहकों व रिटेल कारोबारियों के लिए मुंबई, कोलकाता, दिल्ली, अहमदाबाद, लुधियाना से रेडीमेड आइटम का फरवरी से मार्च तक स्टॉक जुटाया था। खासतौर पर रमजान के होलसेल के जिस अनब्रांडेड रेडीमेड को अब तक बिक जाना था, वह स्टॉक ट्रांसपोर्टनगर से शोरूम तक नहीं पहुंच सका।
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जानते हैं कारोबारियों की राय
53 दिन से कपड़ा कारोबार ठप है। हमारा सवाल प्रशासन है कि जब शर्तों के साथ उद्योग धंधे चलवाए जा सकते हैं तो हमारे कारोबार को क्यों नहीं। जल्द कोई फैसला न किया तो भुखमरी के हालात पैदा हो जाएंगे।
अजय अग्रवाल सचिव,रेडीमेड गारमेंटस एसोसियेशन
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सरकार की ओर से काम में बदलाव को लेकर कोई चिठ्ठी हमें नहीं मिली है। सरकार का हर संभव सहयोग करेंगे मगर हमें भी कारोबार खोलने की छूट देनी चाहिए। मॉस्क भी लगाएंगे और शारीरिक दूरी का पालन भी होगा।
अजीत शर्मा, अध्यक्ष रेडीमेड गारमेंटस एसोसिएशन।
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ये प्रशासन की दोहरी नीति नहीं तो क्या कि बैठकों में हींग वालों को बुलाया जाएगा और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए मीटिग होंगी, मगर रेडीमेड कपड़े को बढ़ावा देने के लिए आज तक कोई बैठक नहीं बुलाई।
राजेश कुमार अग्रवाल, कोषाध्यक्ष, रेडीमेड गारमेंटस एसोसियेशन।
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तीन महीने का बिजली बिल माफ होना चाहिए। इसके अलावा हमें भी सरकार कुछ तो राहत प्रदान करे। अगर सरकार हमें कारोबार शुरू करने की छूट देती है तो स्टाफ को भी वेतन देने में समर्थ हो पाएंगे।
नवीन गर्ग, कोषाध्यक्ष रेडीमेड गारमेंटस एसोसियेशन
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एक नजर में
70 करोड़ महीने का है कारोबार
150 कपड़े के थोक कारोबारी
200 रिटेलर कपड़ा कारोबारी
100 मेन्यूफैक्चरर्स यूनिट हाथरस में
5000 लोग जुड़े हैं कपड़ा कारोबार से
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