नियमित व्यायाम से दूर होगा पुराने से पुराना दर्द
फोटो-16 दैनिक जागरण के हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में फिजियोथेरेपिस्ट ने दिए पाठकों के सवालों के जवाब फिक्रमंद घुटने व कमर के अलावा पुराने दर्द को लेकर पूछे पाठकों ने पूछे सवाल कम उम्र में घुटनों का दर्द होना नहीं चाहिए होता है तो तुरंत जांच कराएं
जागरण संवाददाता, हाथरस : फिजियोथेरेपी आधुनिक चिकित्सा पद्धति मानी जाती है। भारत में बगीचियों पर मालिश व कसरत की परंपरा पुरानी रही है। इसे इसी परंपरा का आधुनिक रूप माना जा सकता है। हर अंग के दर्द के लिए निर्धारित कसरत होती है। इसलिए इसे दवाओं से बेहतर माना जाता है, जिसका कोई नुकसान नहीं। हेलो डॉक्टर के इस संस्करण में फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. ललितेश शर्मा से पाठकों ने अपने घुटने, कमर व अन्य अंगों के दर्द संबंधी समस्याओं पर सवाल पूछे। पेश चुनिंदा सवाल व उनके जवाब:-
सिजेरियन से बच्चा हुआ था। तब से रीढ़ की हड्डी व बांये हाथ में दर्द रहता है, क्या करना चाहिए?
रेनू शर्मा, प्रगतिपुरम, हाथरस
कुछ सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती है। कुछ दिनों के लिए तकिया का प्रयोग न करें। आगे झुक कर काम न करें तथा सीढि़यां भी न चढ़ें। अपने फिजियोथेरेपिस्ट से मिलकर कुछ व्यायाम सीख लें तथा इसे निरंतर जारी रखें। इसमें लापरवाही बरतने पर आगे समस्या हो सकती है।
मेरी उम्र 24 वर्ष है। अभी से घुटनों में दर्द होता है। किस कारण ऐसा हो रहा है?
निर्मल कौशिक, हाथरस
कम उम्र में घुटनों में दर्द नहीं होना चाहिए। अमूमन पुरानी चोट में ऐसा होता है, लेकिन दोनों घुटनों में दर्द की वजह कुछ और हो सकती है। इसलिए हड्डी रोग विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इसके बाद फियोथेरेपिस्ट से घुटने की एक्सरसाइज सीख लें तथा उसे नियमित करें।
कई साल से कमर व बांये पैर के दर्द से परेशान हूं। फिजियोथेरेपी भी ली, लेकिन आराम नहीं मिला।
मीना दीक्षित, गौतम बिहार, हाथरस
फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा बताई गई एक्सरसाइज नियमित करें। इसके साथ ही ध्यान रखें की आगे झुकना, वजन उठाना तथा सीढि़यां चढ़ने का काम न करें। ये काम करने से भी दिक्कत बढ़ती है। स्लिप्ट डिस्क की समस्या में फिजियोथेरेपी से काफी हद तक आराम पाया जा सकता है।
काफी समय से घुटनों में दर्द रहता है। दवाओं से दर्द बंद हो जाता है, लेकिन फिर उखड़ आता है।
विष्णु वाष्र्णेय, हसायन
46 वर्ष की उम्र में दिक्कत नहीं होनी चाहिए। फिर भी लगातार दर्द है तो एक बार चिकित्सक को दिखा लें। इसके बाद फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह लें तथा नियमित व्यायाम करें। व्यायाम के बिना दर्द से राहत नहीं मिलना संभव नहीं।
कमर में दर्द रहता है। स्लिप्ड डिस्क की समस्या है। सर्दियों में दर्द बढ़ जाता है।
संजीव कुमार, सहपऊ
जिस नंबर की डिस्क में यह समस्या है, उसके लिए नियमित योग करें। फिजियोथेरेपी लें तथा इसे जारी रखें। सख्त बिस्तर पर सोएं। सोकर उठने के समय पहले करवट लें तथा फिर आराम से उठें।
गर्दन में दर्द रहता है। यह दर्द सीधे हाथ तक आ जाता है। क्या करना चाहिए?
-ममता तिवारी
यदि दर्द के साथ चक्कर या उल्टी भी आती हैं तो सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस की समस्या हो सकती है। इसके लिए गले में कॉलर या फिर सॉफ्ट टॉवल या शॉल लपेट कर रखें। तकिये का प्रयोग न करें। इसके लिए भी एक्सरसाइज होती है। किसी फिजियोथेरेपिस्ट से संपर्क कर सकते हैं। इन्होंने भी पूछे सवाल
हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में सहपऊ से रामरतन शर्मा, मुरसान से अभिषेक सिंह, गिर्राज किशोर, सासनी से दिनेश वर्मा, हाथरस से राकेश सेंगर, सिकंदराराऊ अजीत कुशवाह, राधेलाल आदि ने सवाल पूछे। चुस्त दुरुस्त भी लें फिजियोथेरेपी
डॉ. ललितेश शर्मा ने बताया कि यह समझा जाता है कि केवल मरीज को ही फिजियोथेरेपी की जरूरत होती है, जबकि ऐसा नहीं है। वर्तमान दिनचर्या ऐसी है कि व्यक्ति जल्दी तनाव में आ जाता है। इसकी मुख्य वजह लाइफ स्टाइल है। घंटों कुर्सी पर बैठना, गलत मुद्रा में बैठना व अन्य कारणों से स्ट्रेस रहता है। फिजियोथेरेपी से इस स्ट्रेस को दूर किया जा सकता है। मासंपेशियों को सही अनुपात में सक्रिय किया जाता है। फ्रैक्चर, घुटने के प्रत्यारोपण, खासकर लकवा, प्रसव के बाद, मांसपेशियों में खिचाव आदि में फिजियोथेरेपी की आवश्यकता पड़ती है।